अफ्रीकी देश कांगो में अकाउंटेंट था महेंद्र
दरअसल, 25 वर्षीय महेंद्र कांगो में नौकरी कर रहा था। वहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। जहां महेंद्र अकाउंटेंट था, वहां के मालिक ने साफ कर दिया था कि शव को भारत भेजने में काफी समय लगेगा। वो वहीं महेंद्र का अंतिम संस्कार करने की बात कह रहा था। परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे और भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रयासों से महेंद्र की पार्थिव देह जोधपुर लाई जा सकी। शनिवार को शेखावत महेंद्र की अंतिम यात्रा में शरीक हुए। उन्होंने महेंद्र को उनके पैतृक निवास जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए और परिजनों को संबल दिया। शेखावत ने कहा कि जोधपुर के बेटे महेंद्र को अपनी भूमि से अंतिम विदाई मिली। दिवंगत को परमात्मा की शरण प्राप्त हो।