ग्लेशियर से हुई स्लाइडिंग में गर्दन में फ्रेक्चर
लूणसिंह ने बताया कि थोरेछांग के ऊपर
ग्लेशियर पर कब्जा होने के बाद रात को पेट्रोलिंग के दौरान ऊपर चढ़ते समय ग्लेशियर से स्लाइडिंग हो गई, जिससे पीठ और गर्दन में जबरदस्त चोट लगी। गर्दन में फ्रेक्चर हो गया। एक दिन बाद हवाई जहाज से चंडीगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां दो महीने तक भर्ती रहा। 31 दिसम्बर, 1999 में सेना से सेवानिवृत्ति लेकर गांव आ गया।
भंवर सिंह ट्रेन में मिला था, शादी करके आया था
करगिल लड़ाई में बालेसर दुर्गावता गांव निवासी भंवर सिंह ईंदा 28 जून 1999 को शहीद हो गए थे। वे 22-23 साल के थे। जब भंवरसिंह करगिल पहुंचे तब उनकी शादी को 15 दिन ही हुए थे। शहीद भंवरसिंह की पत्नी इंद्र कंवर का अपने पति के साथ महज 15 दिन का साथ रहा। वह केवल एक दिन के लिए ट्रेन में मिला था और बता रहा था कि शादी करके आया है। उसके बाद उसका शव ही गांव आया।