रंगदारी के लिए गोलियों से दहशत फैलाने के बाद सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल व्यवसायी की गोली मारकर हत्या करने के मास्टर माइण्ड हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट और गोली चलाने वाले भोमाराम विश्नोई सहित एक दर्जन से अधिक युवक पकड़े जा चुके हैं। जांच में साफ हो चुका है कि मास्टर हरेन्द्र ने लॉरेंस विश्नोई के इशारे पर भोमाराम व अन्य आरोपियों की मदद से मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी की गोली मारकर हत्या करवाई थी। इसके बावजूद पुलिस लॉरेंस को पंजाब जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने का निर्णय नहीं कर पा रही है।
इसका कारण है गत १७ सितम्बर की देर रात जब वासुदेव को गोली मारी गई थी, तब लॉरेंस विश्नोई सीकर में पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या के आरोप में एसओजी की रिमाण्ड पर था। एेसे में पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने से पहले पुख्ता साक्ष्य जुटाना चाह रही है।
पुलिस का दावा हाई सिक्योरिटी जेल में रची थी उम्मीद मोबाइल व्यवसायी वासुदेव की हत्या प्रकरण की जांच के बाद पुलिस का मानना है कि वासुदेव की हत्या १७ सितम्बर को की गई थी, लेकिन उसकी साजिश कई दिन पहले से चल रही थी। उस समय लॉरेंस अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था। एेसे में पुलिस का दावा है कि उसने हाई सिक्योरिटी जेल से मोबाइल के मार्फत हरेन्द्र को हत्या करने के निर्देश दिए थे।
तीन मामलों में पेश हो चुका है चालान पंजाब निवासी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के खिलाफ जोधपुर पुलिस अब तक फायरिंग के तीन मामलों में प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने के साथ ही कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है। इनकी जांच में पुलिस का कहना है कि लॉरेंस ने पंजाब की फरीदकोट जेल में बंद रहते फायरिंग करवाई थी। जबकि पुलिस उससे बतौर सबूत कुछ भी बरामद नहीं कर पाई।
…ताकि कोर्ट में फायदा न उठा पाए पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ का कहना है कि हत्याकाण्ड के पीछे लॉरेंस विश्नोई की भूमिका है। उसे गिरफ्तार करने से पहले साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं, ताकि उसे सजा तक पहुंचाया जा सके और वह कोर्ट में फायदा न उठा पाए।