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jodhpur news: तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौर में गहलोत के क्षेत्र में हुआ था ऐसा ‘खेल’, उच्च स्तरीय जांच में बड़ा खुलासा

jodhpur news: जोधपुर में 36 करोड़ रुपए की अनियमितताएं आई सामने, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौर में रूडीप ने करवाए थे कार्य

जोधपुरNov 29, 2024 / 12:48 pm

Rakesh Mishra

सौरभ पुरोहित
राजस्थान की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से राजस्थान शहरी बुनियादी ढांचा विकास परियोजना (रूडीप) के तहत जोधपुर में हुए सीवर लाइन के कार्यों में अनियमितताएं सामने आई हैं। इसमें अधिकांश कार्य तत्कालीन मुख्यमंत्री और सरदारपुरा विधायक अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में हुए। यह खुलासा गत माह जोधपुर आई रूडीप की ओर से गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है।
रूडीप की ओर से तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौर में करवाए गए अतिरिक्त सीवर लाइन के कार्य में गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में 15.12 किलोमीटर पाइप बिछाए गए, जबकि सूरसागर विधानसभा में अतिरिक्त कार्य तो दूर, तय 32.45 किलोमीटर में से भी केवल 13.34 किलोमीटर का ही कार्य किया गया। इसी तरह शहर विधानसभा में 67 किलोमीटर कार्य प्रस्तावित था, लेकिन 21.29 किलोमीटर कार्य हुआ। इसमें भी 3.89 किलोमीटर अतिरिक्त कार्य होने के बाद भी कुल 25.18 किलोमीेटर ही कार्य किया गया। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि सीवरलाइन के 34 किलोमीटर के 36 करोड़ के कार्य जिन क्षेत्रों में होने थे, वहां नहीं होकर अन्यत्र करवाए गए।

आरोप… बिना कार्य के ही बिल उठे

भाजपा के दोनों विधायकों का आरोप है कि कई कार्य ऐसे भी हुए हैं, जिनके बिल तो उठे, लेकिन मौके पर काम हुआ ही नहीं। अब रूडीप के अधिकारी इस बात की जांच करने में भी जुटे हुए हैं। रूडीप के एसई संजय माथुर ने बताया कि कार्यों की जांच जयपुर से आई टीम ने की है। कार्रवाई मुख्यालय स्तर पर ही होगी।

लगाया था आरोप… जमकर हुआ भ्रष्टाचार

इस मुद्दे को शहर विधायक अतुल भंसाली और सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी ने विधानसभा में भी उठाया था। विधायकों ने आरोप लगाया था कि गत सरकार की ओर से रूडीप की ओर से करवाए गए कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। जो कार्य शहर और सूरसागर में होने थे। उन कार्यों को कम करके पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के विधानसभा में करवाया गया। इसके बाद ही राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया…

  • स्थानीय नेताओं, विधायक और तत्कालीन कलक्टर के कहने पर बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति से कार्यों को अन्यत्र शिट किया गया।
  • पुरानी सीवरलाइन को बदलने से पहले अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए और लेखा शाखा से वेरिफाई किए बिना करीब 15 करोड़ रुपए के बिल पास कर दिए गए। जबकि मौके पर कार्य हुए ही नहीं।
  • करीब 14.5 गुना ज्यादा रुपए का भुगतान ठेकेदार को किया गया।
  • 100 से अधिक जनसंया घनत्व वाले स्थान पर सीवर लाइन डलनी थी, लेकिन इसको दरकिनार कर सरदारपुरा विस क्षेत्र के मंडोर में काम हुआ।
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