पहले शहर की सड़कों का निर्धारण किया गया। उसके बाद क्षतिग्रस्त सड़कों की शिकायत के लिए कंट्रोल रूम खोला गया। इसके बाद हाल ही कलक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी से लेकर पांच सड़कें जेडीए को सौंपी गई। अब शहर की क्षतिग्रस्त सड़कों को सुधारने के लिए कलक्टर ने सभी विभागों के लिए 96 घंटे की समय सीमा निर्धारित की है।
शिकायत आते ही ग्रुप में भेजेंगे
कलक्टर ने बताया कि कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों की जिला प्रशासन, निगम, जेडीए और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के वाट्सऐप ग्रुप में जानकारी दी जाएगी। ग्रुप में जानकारी मिलने के बाद संबंधित विभाग 96 घंटे में शिकायत का निस्तारण करेगा। तय समय के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं होता है तो दोषी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 72 घंटे में तय हुई जिम्मेदारी, 91 घंटे में सुधरी
जोधपुर दौरे में मुख्यमंत्री
भजनलाल शर्मा जिस सड़क से गुजरे थे, उसके क्षतिग्रस्त होने की शिकायत जनता ने ही की थी। मुख्यमंत्री ने जांच की बात कही। इसके बाद जिला प्रशासन सहित अन्य सरकारी एजेंसियों को 72 घंटे तो इसमें ही लग गए कि सड़क की मरम्मत कौन करेगा। फिर 91 घंटे बाद सड़क का मरम्मत कार्य शुरू हुआ।
…तो करेंगे कार्रवाई
सभी विभागों को उनकी सड़कों के बारे में जानकारी देने के बाद ही यह व्यवस्था लागू की गई। शिकायतों का निस्तारण समय पर नहीं होने पर दोषी अधिकारी या ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - गौरव अग्रवाल, कलक्टर, जोधपुर