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जोधपुर

नहीं सुनी PM की बात, गवां दिए 184 लाख रुपए… रिटायर्ड अधिकारी के साथ बड़ी घटना से दंग पुलिस अधिकारी

Digital Arrest News: सबसे बड़ी बात हाल ही में पीएम मोदी तक ने डिजिटल अरेस्ट का जिक्र मीडिया में किया और लोगों को सचेते रहने के लिए कहा, लेकिन फिर भी ठग बढ़ रहे हैं।

जोधपुरDec 01, 2024 / 11:16 am

JAYANT SHARMA

Jodhpur News: राजस्थान से एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का केस सामने आया है। इस बार करीब एक करोड़ 84 लाख रुपए से भी ज्यादा कैश पीड़ित ने खुद ठगों के खातों में आरटीजीएस किया, जबकि उसकी कोई गलती नहीं थी। उसे पुलिस और सीबीआई का डर दिखाया गया और पांच दिनों तक कैद रखा गया। बुजुर्ग अधिकारी की उम्र करीब सत्तर साल है। जब ठगों को लगा कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा तो पीड़ित बुजुर्ग से ही उसके भाई के नंबर लेकर फोन कहा कि तुम्हारे भाई को डिजिटल अरेस्ट किया था, अब छोड़ दिया, संभाल लेना। शनिवार को देर शाम ये केस जोधपुर शहर के बनाड थाने में दर्ज किया गया है। ठगी की रकम काफी बड़ी है। सबसे बड़ी बात हाल ही में पीएम मोदी तक ने डिजिटल अरेस्ट का जिक्र मीडिया में किया और लोगों को सचेते रहने के लिए कहा, लेकिन फिर भी ठग बढ़ रहे हैं।
तुम्हारी आईडी से दूसरा नंबर चल रहा है…

दर्ज रिपोर्ट के आधार पर बनाड़ पुलिस ने बताया कि पीड़ित खोखारिया कस्बे के रहने वाले नरेश कुमार को पांच दिन पहले फोन आया था और फोन करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपके आधार कार्ड से दूसरा नंबर चल रहा है। इस मोबाइल नंबर से एक्टॉर्शन का पैसा मांगा जा रहा है, ऐसी हमको कम्पलेंट मिली है। नरेश को कहा गया कि आपको अरेस्ट होने से कोई नहीं रोक सकता। बचना चाहते हैं तो अधिकारियों तक पैसा पहुंचाना होगा। परिवार में किसी को भी बताने की गलती की तो तुरंत अरेस्ट करि लिए जाओगे।
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नरेश कुमार को पांच दिनों तक अरेस्ट रखने के बाद पहले तो खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि एक्सटॉर्शन केस में लंबा अंदर जाओगे। उसके बाद दूसरे नंबर से फोन कर खुद को आरबीआई का अधिकारी बताया और कहा कि मनी लॉंड्रिग का केस है। आपके खातों से अवैध लेनदेन हुए हैं। नरेश कुमार बुरी तरह से डर गए और उसके बाद ठगों के पूरी तरह से चंगुल में आ गए।
नरेश को ठगों ने कहा दोनो केस सैटल करने हैं तो अधिकारियों के खातों में रुपए जमा कराने होंगे, हांलाकि इनमें से अधिकतर पैसा दो से तीन दिन में वापस भी मिल जाएगा। नरेश बातों में आ गए और ठगों के द्वारा दिए गए 11 बैंक खातों में उनके बताए अनुसार रुपए जमा कराते रहे। पांच दिन परिवार के किसी सदस्य को पता नहीं चला और नरेश ने ठगों के बैंक खातों में एक करोड़ 84 लाख रुपए जमा करा दिए। शनिवार को दोपहर में जब ठगों को लगा कि नरेश खाली हो चुके हैं तो उनके भाई के नंबर लेकर उसे फोन किया और कहा कि तुम्हारे भाई को हमने लूट लिया है, उन्हें संभाल लेना।
उधर पुलिस की प्रांरभिक जांच में सामने आया है कि जिन ठगों ने जिन नंबरों से फोन किए उनमें से अधिकतर बंद हो गए हैं। कुछ नंबर पर कोई कॉल नहीं उठा रहा है। डिजिटल अरेस्ट के इस तरीके से अब नरेश कुमार की जीवन भर की कमाई चली गई है।

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