जयपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले के शेरगढ़ थानान्तर्गत भुंगरा गांव में गैस दुखान्तिका के मामले में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं। इस हादसे ने हर किसी को हिला दिया। किस ने सोचा था जिस घर में ढोल नगाड़े बज रहे थे, आंगन से दूल्हा घोड़ी पर चढ़ने वाला था वहां से परिवार के सदस्यों की अर्थियां निकलेंगी। गांव में हुए सिलेंडर हादसे में अब तक दूल्हे के माता—पिता सहित 33 लोगों की जान जा चुकी है। पूरे गांव में शोक का महौल है। वहीं दुल्हन के गांव में भी मातम पसरा हुआ है।
दुल्हन ओमू कंवर के भाई भंवर सिंह को जब घटना की जानकारी मिली तो उनके हाथ पैर ठंडे पड़ गए। भंवर सिंह ने बताया कि हम लोग बारात के स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए थे। साढ़े तीन बजे के लगभग स्वागत की तैयारियां पूरी होने के बाद भंवर सिंह ने दूल्हे के ताऊ के बेटे को फोन किया। एक बार फोन करने पर फोन नहीं उठाया। दूसरी बार कॉल किया तो किसी बच्चे ने फोन उठाया था और तभी मुझे रोने की आवाज आाई। भंवर ने बताया कि रोने की आवाज से उनको लगा की कोई न कोई अप्रिय घटना हुई है।
इसके बाद शेरगढ़ निवासी एक रिश्तेदार को फोन किया तो पता चला कि सिलेंडर ब्लास्ट हुआ है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इसके बाद हमने सारी तैयारियां रोक दी और घर के बड़े बुज़ुर्गों को शेरगढ़ के लिए रवाना किया। इसके बाद पता चला कि 60 से 70 लोग झुलस चुके हैं, जिसमें से 10 से 15 लोगों की स्थिति नाज़ुक है। सभी को जोधपुर रेफर किया गया है। सारे काम छोड़कर हम तीनों भाई हॉस्पिटल पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद हालत देखी, जिसके बाद मेरा छोटा भाई तो वही बेहोश हो गया।
किसी की बाइक पर बैठकर फरार हो गई दुल्हन, इंतजार करता रहा गया दूल्हा
हम लोगों को ऐसी हालत थी की हाथ पैर कांप रहे थे। मंजर बेहद दर्दनाक था। भंवर सिंह बोले जिंदगी में कभी ऐसा दुख नहीं आया और भगवान ऐसा दिन किसी दुश्मन को भी न दिखाए। मैं ईश्वर से यही कामना करता हूं कि जल्द से जल्द सब ठीक होकर अपने परिवार में लौटें। आठ दिसम्बर को दोपहर में शेरगढ़ थाना इलाके के भूंगरा गांव में सगत सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह की बारात तैयार हो रही थी। दूल्हा शेरवानी पहन रहा था। बारात जाने की तैयारी थी। आंगन में बैठी महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं। तभी यह रूह कंपाने वाला हादसा हो गया।