मीटर रीडिंग की गणित 2 माह में एक बार होती है अभी घरों में बिजली मीटर रीडिंग।
1 महीने में घरों से रीडिंग लेकर बिल जारी करने की तैयारी। – 10 जिले हैं जोधपुर डिस्कॉम के अधीन।
– 500 के करीब पद स्वीकृत हैं पूरे जोधपुर डिस्कॉम में मीटर रीडर के।
1 महीने में घरों से रीडिंग लेकर बिल जारी करने की तैयारी। – 10 जिले हैं जोधपुर डिस्कॉम के अधीन।
– 500 के करीब पद स्वीकृत हैं पूरे जोधपुर डिस्कॉम में मीटर रीडर के।
– 300 से अधिक पद इनमें से रिक्त हैं।
– 30 साल से नई भर्ती नहीं हुई डिस्कॉम में मीटर रीडर की।
20 हजार उपभोक्ताओं पर एक मीटर रीडर जोधपुर डिस्कॉम में 38 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इनके घरों से मीटर रीडिंग लाने की जिम्मेदारी करीब 200 कार्यरत मीटर रीडरों के पास ही है। इस लिहाज से करीब 20 हजार मकानों से एक मीटर रीडर रीडिंग लेता है, लेकिन यह धरातल पर संभव नहीं। इसीलिए तकनीकी कर्मचारियों को अपने मूल काम से हटा कर मीटर रीडिंग में लगाया गया है।
– 30 साल से नई भर्ती नहीं हुई डिस्कॉम में मीटर रीडर की।
20 हजार उपभोक्ताओं पर एक मीटर रीडर जोधपुर डिस्कॉम में 38 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इनके घरों से मीटर रीडिंग लाने की जिम्मेदारी करीब 200 कार्यरत मीटर रीडरों के पास ही है। इस लिहाज से करीब 20 हजार मकानों से एक मीटर रीडर रीडिंग लेता है, लेकिन यह धरातल पर संभव नहीं। इसीलिए तकनीकी कर्मचारियों को अपने मूल काम से हटा कर मीटर रीडिंग में लगाया गया है।
एक एईएन कार्यालय में दो पद ही स्वीकृत
जोधपुर डिस्कॉम में मीटर रीडर के स्वीकृत पदों की संख्या प्रति एईएन कार्यालय 2 की है। यह 30 साल पहले निर्धारित हुई थी। तब एक एईएन कार्यालय के पास पांच से सात हजार बिजली उपभोक्ता थे, लेकिन अब एक कार्यालय के अधीन करीब 25 हजार उपभोक्ता हैं, मगर पदों की संख्या वही है। खास बात यह है कि जो पद स्वीकृत हैं, उनमें भी दो तिहाई रिक्त हैं।
जोधपुर डिस्कॉम में मीटर रीडर के स्वीकृत पदों की संख्या प्रति एईएन कार्यालय 2 की है। यह 30 साल पहले निर्धारित हुई थी। तब एक एईएन कार्यालय के पास पांच से सात हजार बिजली उपभोक्ता थे, लेकिन अब एक कार्यालय के अधीन करीब 25 हजार उपभोक्ता हैं, मगर पदों की संख्या वही है। खास बात यह है कि जो पद स्वीकृत हैं, उनमें भी दो तिहाई रिक्त हैं।
इनका कहना है… मीटर रीडर की भर्ती कई सालों से नहीं की गई है। वर्तमान में तकनीकी कर्मचारियों के भरोसे रीडिंग की गाड़ी चल रही है। हर माह बिल आए, यह अच्छी बात है,मगर इसके लिए सरकार को कर्मचारियों की भर्ती कर पूरी व्यवस्था करनी चाहिए।
– मंडलदत्त जोशी कार्यकारी अध्यक्ष, प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फैडरेशन
बिल देने की तैयारी जयपुर डिस्कॉम के बाद जोधपुर डिस्कॉम के कुछ सर्किल में हम प्रति माह बिल देने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारियों की कमी रहने की बात सही है। हम सभी कमियां दूर कर बेहतर सेवाएं देने का प्रयास कर रहे हैं।
– एसएस यादव, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम
– एसएस यादव, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम