भारतीय स्टेट बैंक की लूनी शाखा में 57.55 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया है। यह राशि 50 लोगों के बैंक खातों में अवैध तरीके से ट्रांसफर की गई थी। अधिकांश खाताधारकों ने वाउचर से राशि निकाल भी ली। बैंक की आंतरिक जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक के खिलाफ लूनी थाने में धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मामला दर्ज करवाया है। शाखा प्रबंधक को निलम्बित कर दिया गया है।
थानाधिकारी हुकमसिंह ने बताया कि एसबीआई के क्षेत्रीय व्यावसायिक कार्यालय के मुख्य प्रबंधक सुखदेव सोलंकी ने लूनी के पूर्व शाखा प्रबंधक भरतदेव मेघवाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। आरोप है कि शाखा में भरतदेव के पदस्थानापन्न से पहले शाखा का सरप्लस फण्ड 58,00,035.75 रुपए था। जिसे बैंकर्स चेक बनाकर 20 मार्च 2019 को बैंक में सुरक्षित रखा गया था। कुछ समय बाद भरतदेवलूनी में एसबीआइ शाखा प्रबंधक लगाए गए थे। इस दौरान उन्होंने 9 दिसम्बर 2022 से 30 जनवरी 2023 के बीच 50 अनाधिकृत व्यक्तियों-खाता धारकों-कृषकों व अन्य के बैंक खातों में 57,55,140 रुपए ट्रांसफर कर दिए।
गबन का संदेह होने पर बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय से आंतरिक जांच के लिए विष्णु कुमावत व रामधन मीणा को लूनी शाखा भेजा गया। सरप्लस फण्ड व अन्य प्रविष्टियों की जांच की तो गबन का पता लगा। विष्णु ने 31 व रामधन ने 15 पृष्ठ की जांच रिपोर्ट बैंक को सौंपी।