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आसान प्लेटफॉर्म है सोशल मीडिया सूचना व तकनीक के दौर में हर व्यक्ति के पास एन्ड्रॉयड मोबाइल और इंटरनेट सुविधा है। काम-काज के अभाव में युवा मोबाइल पर समय व्यतीत कर रहे हैं। इस दौरान अपराधियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी उनके सामने आ जाते हैं। अपराध की दुनिया के सब्जबाग दिखाने वाले फोटो व वीडियो देखने लगते हैं और उन्हीं से प्रभावित भी होते हैं। अपराधी भी लगातार सोशल मीडिया से जुड़े रहने वाले युवाओं से सम्पर्क कर गैंग के लिए वारदात करने को राजी कर लेते हैं। चूंकि यह युवा बेरोजगार होते हैं इसलिए दस-बीस हजार रुपए के लालच में फायरिंग व अन्य अपराध कर डालते हैं।
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युवाओं को बचाने के लिए साइबर सेल एक्टिव युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए पुलिस मुख्यालय ने राज्यभर में ऑपरेशन शिकंजा व ऑपरेशन गार्जियन नामक अभियान शुरू कर रखे हैं। हर जिले की साइबर सैल टीम अपराधियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर गड़ाए हुए हैं और उन्हें लाइक व फॉलो करने वालों के साथ ही हथियार के साथ फोटो अपलोड करने वालों पर नजर रखे हुए है।
क्लब पर फायरिंग में आरोपी सोशल मीडिया से फंसे पुलिस का कहना है कि कुछ माह पहले रंगदारी वसूलने के लिए जयपुर के एक क्लब पर फायरिंग करने में शामिल युवक सोशल मीडियो के मार्फत ही फंसे थे। सोशल मीडिया के मार्फत ही मास्टर माइण्ड ने इनसे सम्पर्क कर फायरिंग करने के लिए तैयार किया था। दोनों आपस में न तो परिचित हैं और न ही कभी एक-दूसरे से मिले थे।
खाते में रुपए जमा कराए, हथियार सप्लाई किए पीपाड़ सिटी का एक युवक पिछले काफी समय से इंस्टाग्राम पर एक बदमाश के सम्पर्क में था। उस युवक ने आर्थिक मदद करते हुए विदेश से खाते में रुपए भी जमा करवा दिए थे। फिर वह युवक उस बदमाश के झांसे में आया और उसके लिए मध्यप्रदेश से पंजाब तक हथियार सप्लाई करने लग गया था।
बदमाशों के फोटो-वीडियो लाइक व शेयर न करें… पुलिस मुख्यालय की ओर से ऑपरेशन गार्जियन अभियान के तहत अपराधी व बदमाशों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार नजर रखी जा रही है। लाइक व शेयर करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। अपराधिक गैंग व बदमाश इन्हीं के मार्फत युवाओं को अपराध में धकेल रहे हैं। इसलिए टीन एजर व युवाओं से अपील है कि वे बदमाशों के फोटो-वीडियो लाइक शेयर न करें।
धर्मेन्द्रसिंह यादव, पुलिस अधीक्षक जोधपुर (ग्रामीण)