जिंदगी को अलविदा कह चुके लोगों के शव उनके गांव पहुंच रहे हैं। इसमें बालिकाएं, महिलाएं व मासूम पर ही हादसे में मौत का शिकार हुए हैं। भुंगरा गांव में शनिवार को कोहराम मचा था। धधकती चिताओं की आग को देख हर आंख नम होकर रो रही थी। यहां के श्मसान घाट पर शुक्रवार को जहां दादी, पोती व जेठुते की बहु का अंतिम संस्कार हुआ था। इसकी राख अभी ठंडी ही नहीं पड़ी थी कि दोपहर बाद यहां और मृतकों की अर्थियां पहुंचने लगी। हर कोई विधाता को कोश रहा था कि हे प्रभु ये क्या कर रहे हो, लोगों के मुंह से बस यही शब्द निकल रहे थे।
जिस घर में कल गूंज रहे थे मंगल गीत, आज वीरान आंगन में थी दो मासूमों की देह
दूल्हे के परिवार में पांच की मौत
छोटे पुत्र सुरेन्द्र के लिए बहू लाने का सपना संजोने वाले सगतसिंह व परिवार को हादसे ने बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है। दुल्हा, पिता सगतसिंह व मां धापूदेवी झुलस गए थे। परिवार में अब तक पांच जनों की मौत हो चुकी है। इनमें दुल्हे की बड़ी मां सुआ देवी, भतीजा रतनसिंह, भतीजी खुशबू व प्रकाश कंवर और मौसेरा भाई सुरेन्द्रसिंह शामिल हैं। भाई सांगसिंह सुरक्षित बचा है।
आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए भुंगरा सिलेण्डर हादसे से प्रभावितों को शनिवार को महात्मा गांधी अस्पताल में आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इस दौरान 50 घायलों के नजदीकी परिवारजनों को एक-एक लाख रुंपए सहायता राशि का चेक का वितरण किया गया। इसी प्रकार 5 मृतकों के निकटतम संबंधियों को 2-2 लांख रुपए सहायता राशि के चेक प्रदान किए गए।
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वीरान आंगन
भुंगरा में हादसे में कई ढाणियों के परिवार चपेट में आए हैं। कई ऐसे परिवार हैं जिसके एक दो को छोड़कर सभी सदस्य झूलसे हैं। उनका ईलाज चल रहा है। ऐसे में सदस्यों की मौत पर कई घरों में करूण क्रंदन हो रहा हैं।