जोधपुर

Air Pollution: खराब हुई राजस्थान के इस शहर की हवा, सांस लेना मुश्किल, 15 लाख लोगों पर संकट

Air Pollution in Jodhpur: 10 माइक्रोन धूल के कण सबसे ज्यादा जोधपुर शहर में रेकॉर्ड किए गए, 60 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं अब तक विभिन्न प्रोजेक्ट पर

जोधपुरOct 08, 2024 / 09:55 am

Rakesh Mishra

Air Pollution in Jodhpur: हमारे शहर जोधपुर में अन्य शहरों की तुलना में वायु प्रदूषण अधिक है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान में 10 माइक्रोन धूल के कण सबसे ज्यादा जोधपुर शहर में ही रिकॉर्ड किए गए हैं। ये बारीक कण सांसों के जरिए लोगों के फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए नगर निगम केंद्र सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम पर काम कर रहा है।
विभिन्न प्रोजेक्ट पर अब तक निगम की ओर से करीब 60 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। अब केंद्र सरकार की ओर से 10 करोड़ रुपए निगम दक्षिण और 10 करोड़ रुपए निगम उत्तर को दिए गए हैं। इसके तहत अब विभिन्न वार्डाें में काम करवाने के लिए तकमीना तैयार किया जा रहा है। इसके चलते सोमवार को निगम उत्तर के अधिशाषी अभियंता ने अधीक्षण अभियंताओं की बैठक लेकर उन्हें प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। इस कवायद का मकसद 10 माइक्रोन के धूल कणों को हवा में फैलने से रोकना है, जिससे तकरीबन 15 लाख की आबादी वाले शहर में आमजन को धूल कणों से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके।

रेगिस्तान के समीप होने के कारण यहां वायु प्रदूषण अधिक

रेगिस्तानी के समीप होने की वजह से जोधपुर में पीएम-10 और पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) अधिक रहते हैं, जिनके कारण जोधपुर में वायु प्रदूषण अधिक रिकॉर्ड होता है। विशेषकर सर्दी और गर्मी में आंधियों के दौरान पीएम कणों की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण बढ़ जाता है। इसके कण 2.5 माइक्रोन से लेकर 10 माइक्रोन तक छोटे होते हैं। पीएम कणों में धूल कण, कार्बन कण, जल वाष्प, गाड़ियों से निकलने वाले अपशिष्ट के बारीक गण, कुछ गैसें शामिल होती हैं।

ये किए उपाय

फुटपाथों पर टाइल्स लगाई
हालांकि पूर्व में निगम उत्तर और दक्षिण दोनों ने ही धूल के बारीक कणों को उड़ने से रोकने के लिए शहर के कई स्थानों पर फुटपाथ और टाइल्स लगाई है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मंडोर से पावटा, भदवासिया से माता का थान, एम्स के सामने, रातानाडा मुख्य सडक़, आखिलिया से कायलाना, 80 फीट रोड पर फुटपाथ का निर्माण करवाया। कई मुख्य सड़कों पर भी सीमेंट की टाइल्स लगवाई।

हरियाली विकसित की
प्रोग्राम के तहत टाउन हॉल से हाइकोर्ट तक ग्रीन वॉल विकसित की है। उम्मेद उद्यान में मियावाकी गार्डन और एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के बाहर ग्रीनरी विकसित की है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी रोड पर पीली टंकी से लेकर ओल्ड कैंपस तक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ हरियाली विकसित करने का कार्य चल रहा है।
यह भी पढ़ें

Sukhoi Fighter Aircraft: दुश्मन देश को लगेगा झटका, अब इस तकनीक से अपग्रेड होंगे लड़ाकू विमान सुखोई

संबंधित विषय:

Hindi News / Jodhpur / Air Pollution: खराब हुई राजस्थान के इस शहर की हवा, सांस लेना मुश्किल, 15 लाख लोगों पर संकट

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.