उन्होंने कहा कि जोधपुर के अनिता चौधरी हत्याकांड पर राज्य सरकार का संवेदनहीनता निंदनीय एवं शर्मनाक है। जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में अनिता चौधरी की निर्मम हत्या के 12 दिन बाद भी मृतका के परिजनों को न्याय दिलाने में राज्य सरकार की संवेदनशीलता का अभाव बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री उपचुनाव में व्यस्त हैं, जबकि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। छोटी घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करने वाली भाजपा सरकार इस जघन्य अपराध पर उदासीन क्यों है? महिलाओं के हितों और सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाली राज्य सरकार इस अमानवीय घटना पर चुप क्यों है?
मुख्यमंत्री का इस पर मौन रहना अत्यंत चिंताजनक है। अनिता चौधरी के 26 अक्टूबर को गायब होने की सूचना के बाद 27 अक्टूबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया, लेकिन इतनी गंभीर घटना के बावजूद मामले में किसी ठोस कार्रवाई का न होना किसी बड़े षड्यंत्र की ओर संकेत करता है। क्या पुलिस पर सत्ताधारी नेताओं का दबाव है, जो पीड़ित परिवार को गुमराह कर रही है? मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार की CBI जांच और अन्य उचित मांगों को तुरंत मान्यता दें। मैं व्यक्तिगत रूप से राजस्थान पुलिस के डीजी से मिलूंगा और यदि पीड़ित परिजनों की मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो मैं स्वयं जोधपुर में उनके साथ धरने पर बैठने पर बैठूंगा।
वहीं दूसरी तरफ आज आरोपी की पत्नी आबिदा और सुमन उर्फ सुनीता का पुलिस ने मेडिकल कराया है। सुमन मृतका अनिता की सहेली है। बता दें कि हाल ही में एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें सुमन मृतका के पति मनमोहन चौधरी के साथ फोन पर बात कर रही थी। इस बातचीत में सुमन ने खुद और अनिता की जान को खतरा बताया था। इस बातचीत में सुमन ने कुछ लोगों का भी नाम लिया था। सूत्रों के अनुसार पुलिस पूछताछ में सुमन ने अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है।