AU—-जोधपुर-अजमेर करेंगे बीजीय मसालों की उत्पादन वृद्धि पर काम
– कृषि विवि व राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र मसालों की नई किस्मों पर करेंगे शोध
AU—-जोधपुर-अजमेर करेंगे बीजीय मसालों की उत्पादन वृद्धि पर काम
जोधपुर।
जोधपुर व अजमेर के वैज्ञानिक मिलकर बीजीय मसालों के उत्पादन वृद्धि पर काम करेंगे। साथ ही, मारवाड़ की प्रमुख मसाला फसल जीरा सहित अन्य मसालों की नई किस्मों की उत्पादकता पर शोध करेंगे। बीजीय मसालों की उत्पादन वृद्धि के लिए कृषि विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र तबीजी अजमेर के बीच करार हुआ है। इस करार का उद्देश्य बीजीय मसाला उत्पादन के क्षेत्र में परस्पर अनुसंधान, शिक्षा व प्रसार को बढ़ाना है। एमओयू के तहत नए शोध व तकनीकों का हस्तांतरण, विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं का क्रियान्वयन, बीजीय मसालों की विभिन्न किस्मों के जर्म प्लाज्म के वैज्ञानिक संरक्षण, विश्वविद्यालय के प्रसार केन्द्रों के उन्नयन के लिए नवीन तकनीकियों के हस्तांतरण कार्य होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय के शोधार्थी राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र की उत्कृष्ट प्रयोगशालाओं व प्रक्षेत्र फ ार्म पर बीजीय मसालों पर शोध का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
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मसालों की नई किस्में विकसित होंगी
इन दोनो संस्थानों के परस्पर एमओयू होने से जीरे की नई किस्म विकसित किए जाने के लिए नई दिशा मिलेगी, जिससे इस क्षेत्र के जीरा उत्पादक किसानों की उत्पादकता तथा आय में बढ़ोतरी हो सकेगी। वहीं अन्य मसाला फ सलों की नई किस्मों पर काम होगा।
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दोनों संस्थानों ने किए हस्ताक्षर
एमओयू पर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो बीआर चौधरी व अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ एसएन सक्सेना ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संकायध्यक्ष व अधिष्ठाता डॉ भारतसिंह भीमावत, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ ईश्वर सिंह,निदेशक अनुसंधान डॉ सीताराम कुम्हार, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ एमएल मेहरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों तथा जोधपुर मसाला बोर्ड के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र फार्म का भ्रमण कर अनुसंधान कार्यो का अवलोकन किया।
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