हरानगढ़ किला बनने से भी पहले मौजूद था यह प्राचीन शिव मंदिर, अपनेआप होता है अभिषेक
जोधपुर•Jul 19, 2019 / 04:23 pm•
Harshwardhan bhati
जोधपुर के मेहरानगढ़ की तलहटी में जयपोल से फतेहपोल जाने वाले मार्ग पर चोखेलाव महल के सामने मैदान की पहाड़ी पर स्थित 560 साल से भी ज्यादा प्राचीन शिवालय में चार शिवलिंग स्थापित है। फोटो : एसके मुन्ना
झरनेश्वर महादेव मंदिर के सभी शिवलिंग पर वर्ष पर्यन्त पहाडिय़ों की सिराओं से रिस कर आने वाले जल से स्वत: ही अभिषेक होता है। मंदिर में चार शिवलिंग किसने और कब स्थापित किए यह अज्ञात है। फोटो : एसके मुन्ना
जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने जब 1459 में 12 मई को पचेटिया भाखर पर मेहरानगढ का निर्माण प्रारंभ करवाया तब पचेटिया पहाड़ी पर तपस्वी योगी संत चिडिय़ानाथ एक छोटी गुफा में तपस्या करते थे। फोटो : एसके मुन्ना
संत चिडिय़ानाथ की तपोस्थली पर किले के निर्माण के बाद राव जोधा ने वहीं पर एक छोटा मंदिर बनवाया जिसे झरनेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। फोटो : एसके मुन्ना
कालान्तर में राव मालदेव ने शिवालय को मेहरानगढ़ के परकोटे में शामिल कर लिया। मंदिर के ठीक ऊपर पहाड़ी पर देवी चामुण्डा का मंदिर बना है। फोटो : एसके मुन्ना
श्रावण मास के सोमवार को विशेष पूजन होता है। मंदिर का प्रबंधन मेहरानगढ़ संग्रहालय न्यास की ओर से किया जाता है। फोटो : एसके मुन्ना
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