आसमां में किरण विमानों के हर मैनुवर में तिरंगा देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे। सबसे चर्चित मैनुवर डीएनए का हेलिकल मॉडल रहा, जिसमें केसरिया, सफेद व हरा रंग छोड़ते हुए समानांतर चल रहे 3 किरण विमानों के तिरंगे धुएं के चारों ओर 2 अन्य किरण विमान चारों तरफ रोटेट होते हुए उड़ रहे थे। आसमां में यह नजारा बिल्कुल डीएनए के डबल हेलिकल मॉडल जैसा था, जिसमें एक स्ट्रैंड दूसरे स्ट्रैंड के ऊपर लिपटा हुआ रहता है। इसके अलावा इंट्रीकेट क्रॉसओवर, बेरल रॉल्स स्टंट जैसे मैनुवर दिखाए। दो समानांतर उड़ते किरण विमान के साथ तीसरे उलटे उड़ते किरण विमान के दृश्य ने लोगों को अचंभित कर दिया। करीब 25 मिनट किरण विमानों ने कलाबाजियां दिखाई।
सुखोई ने छोड़े फ्लेयर, 200 किमी रफ्तार से उड़ा तेजस
सूर्यकिरण टीम के अलावा भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई और स्वदेशी तेजस ने प्रदर्शन किया। सुखोई-30 ने विभिन्न फार्मेशन के साथ आसमां में फ्लेयर्स छोड़े, जिसे देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग झूम उठे। सुखोई ने दर्शकों के सामने 1000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। इससे पहले तेजस ने सफेद धुएं के साथ कई मैनुवर दिखाए, जिसमें 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लॉ फ्लाइंग शानदार थी। इसके अलावा स्वदेशी लाइट कॉम्बैट लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचण्ड ने भी आसमां में कलाबाजियां दिखाई। सबसे पहले वायुसेना की एयर वॉरियर टीम ने ड्रिल का प्रदर्शन किया, जिसमें उनकी एकरूपता व समन्वय देखने लायक था।
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एयरफोर्स ने ओपन डे के तहत कई स्कूलों, कॉलेजों, चयनित नागरिकों, पूर्व सैनिक परिवारों को भी जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर आमंत्रित किया था। एरोबेटिक डिस्प्ले केवल भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट की ओर से ही किया गया। एयरबेस पर अमरीका, जापान, ग्रीस, श्रीलंका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और यूएई के लड़ाकू विमान खड़े थे। स्कूल और कॉलेज के बच्चों ने ग्रीस के एफ-16, अमरीका के ए-10, सिंगापुर के सी-130, ऑस्ट्रेलिया के एफ-18 के साथ फोटो खिंचाए। वहां खड़े विभिन्न देशों की एयरफोर्स के पायलट और अन्य वायुसैनिकों के साथ भी बच्चों और आम लोगों ने चर्चा की और ग्रुप फोटो खिंचाए। तरंगशक्ति युद्धाभ्यास 29 अगस्त को शुरू हुआ था, जो 14 सितम्बर तक चलेगा।
बच्चों की तबीयत बिगड़ी
वायुसेना की ओर से स्कूल और कॉलेज के बच्चों को सुबह 8.30 बजे ही एयरफोर्स स्टेशन पर बुला लिया था, जबकि एयर शो सुबह 11 बजे शुरू हुआ। खुले आसमां में कभी धूप-कभी छांव के चलते उमस हो गई थी। उमस के कारण बच्चों की हालत खराब हो गई। दोपहर 12 बजे जब शो समाप्त हुआ, तब तक एक दर्जन से अधिक बच्चों की तबीयत खराब हो गई। उन्हें एम्बुलेंस में मिलिट्री हॉस्पीटल ले जाना पड़ा। वायुसेना स्टेशन पर दो एम्बुलेंस ने दो-तीन बार राउण्ड करके बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया।