एजेंसी संचालक ने पुलिस वैरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) कराकर लाने को कहा था। इसके लिए ओमाराम ने ई मित्र पर ऑनलाइन आवेदन किया था। जांच के लिए वो पुलिस स्टेशन डांगियावास पहुंचा। अपराधिक रिकॉर्ड की जांच की गई तो उसके खिलाफ 17 साल पुराना भरतपुर जिले का स्थाई वारंट लंबित होने का पता लगा। पुलिस ने ओमाराम बिश्नोई को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सूचना पर भरतपुर पुलिस जोधपुर पहुंची और ओमाराम को पकड़ कर ले गई।
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