scriptJodhpur News : देश से बाहर जा रहा हमारे आयुर्वेद का महान ज्ञान, अब दुर्लभ औषधियों का पेटेंट जरूरी- राज्यपाल | Great knowledge of our Ayurveda is going out of the country, now patent of rare medicines is necessary - Governor | Patrika News
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Jodhpur News : देश से बाहर जा रहा हमारे आयुर्वेद का महान ज्ञान, अब दुर्लभ औषधियों का पेटेंट जरूरी- राज्यपाल

जोधपुर में आयुर्वेदिक औषधि मानकीकरण-चुनौतियां और समाधान विषयक अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी, राज्यपाल ने आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने पर दिया जोर

जोधपुरDec 05, 2024 / 03:38 pm

Rakesh Mishra

Governor Haribhau Bagde
Jodhpur News: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा है कि आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान को युगानुकूल बनाते हुए इससे जुड़ी दुर्लभ औषधियों का पेटेंट, प्रमाणीकरण और इससे जुड़े स्वास्थ्यवर्धक गुणों का अधिकाधिक प्रसार किया जाए। उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ असाध्य रोगों में भी इनके उपयोग के परीक्षण और प्रसार की दिशा में कार्य करने आह्वान किया है।
बागड़े गुरुवार को जोधपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘आयुर्वेदिक औषधि मानकीकरण-चुनौतियां और समाधान’ विषयक अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक औषधियों की ब्रांडिग और पैकेजिंग भी इस तरह से हो कि वह उपयोग के लिए आकर्षित करे। उन्होंने इनके विपणन की कारगर नीति पर भी कार्य करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने प्राचीन भारतीय आयुर्वेद ज्ञान की चर्चा करते हुए आत्रेय, चरक, सुश्रुत आदि द्वारा प्रवर्तित चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग और संभावनाओं पर कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे आयुर्वेद के महान ज्ञान को सुनियोजित तरीके से देश से बाहर ले जाया गया। उस ज्ञान में कुछ हेर-फेर कर उसे अपना बनाने के प्रयास निरंतर हुए। इसलिए यह जरूरी है कि जो उपलब्ध ज्ञान हमारा है, आयुर्वेद की दुर्लभ औषधियां हैं, उनके पेटेंट की दिशा में निरंतर कार्य हो।
उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में आयुर्वेद के महान ज्ञान से जुड़ी किताबों की चर्चा करते हुए कहा कि बख्तियार खिलजी ने देश के उस महान ज्ञान को सदा के लिए समाप्त करने के लिए नालंदा पुस्तकालय में आग लगा दी, लेकिन भारतीय ज्ञान को कोई मिटा नहीं सका है। उन्होंने आयुर्वेदाचार्यों से आग्रह किया कि वे प्राचीन भारतीय ज्ञान की धरोहर को जन-जन तक सुलभ कराएं। उन्होंने औषधीय प्रयोजनों के लिए जड़ी-बूटियों के उपयोग और लिखित ग्रंथों के महत्व पर भी कार्य करने पर जोर दिया। राज्यपाल ने इससे पहले विश्वविद्यालय के अंतर्गत बने होम्योपैथी महाविद्यालय के भवन का भी लोकार्पण किया।

‘प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध’

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान को विकसित और समृद्ध प्रदेश बनाना है। साथ ही प्रदेश सरकार राजस्थान के विश्वविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। जोगाराम पटेल ने कहा आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा का संतुलन बनाए रखने में सहायक है। आयुर्वेद रोगों की रोकथाम और व्याधि के उपचार के रूप में संपूर्ण विश्व में लोकप्रिय है। उन्होंने औषधीय पादप आक के आयुर्वेदिक गुणों के बारे जानकारी दी।
पटेल ने कहा मार्च 2025 तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 52000 पदों भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी, जिसमें आयुर्वेद विभाग के रिक्त पदों को भी भरा जाएगा। साथ ही इस वर्ष एक लाख एवं 5 वर्ष में 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल, पूर्व कुलपति प्रो बी एल गौड़, उत्तराखंड विश्वद्यालय के वाइस चांसलर अरुण कुमार त्रिपाठी, गुजरात आयुर्वेद विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एस एस सावरीकर, एम्स जोधपुर के अध्यक्ष डॉ एस एस अग्रवाल, प्रबंध मंडल के सदस्य, अन्य निकायों के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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