जोधपुर

14 साल से छप्पर में संचालित हो रही सरकारी पाठशाला

मौसम की मार झेलने को मजबूर बच्चे, नामांकन में भी गिरावट

जोधपुरFeb 18, 2024 / 12:26 am

Nandkishor Sharma

14 साल से छप्पर में संचालित हो रही सरकारी पाठशाला

जोधपुर/ तिंवरी @ पत्रिका. ग्रामीण अंचल में प्राथमिक शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार की ओर से भले ही समग्र शिक्षा अभियान और शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू कर शिक्षा की पहुंच सब तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हो । लेकिन धरातल पर वर्तमान में ऐसे कई विद्यालय है जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे है। सरकार की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद अब भी कस्बे से कुछ ही दूरी पर वर्ष 2010- 11 से संचालित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नटियों की ढ़ाणी गायों के लिए बनाए गए टीन शेड में संचालित हो रहा है। वर्तमान में इस विद्यालय में 62 विद्यार्थियों के नामांकन पर 4 अध्यापक कार्यरत है जो एक ही छप्पर में प्राथमिक तक की कक्षाओं को संचालित कर रहे है।
एक ही छप्पर के नीचे सिर्फ दो ब्लैकबोर्ड पर पांच कक्षाएं
वर्तमान में संचालित स्कूल के छप्पर में दो छोटे – छोटे कमरे है जिस में एक कमरा ऑफिस के लिए काम में लिया जाता है वही दूसरे कमरे में मिड डे मिल के तहत बनने वाले भोजन को बनाया जाता है। ऐसे में पांच कक्षाओं के बच्चे जगह नही होने से कमरों के आगे बने तीन तरफ से खुले छप्पर के नीचे बैठ अध्ययन करने को मजबूर है । छप्पर के नीचे बनी दीवार पर ही दो ब्लैकबोर्ड बने है जिस के चलते अध्यापकों की ओर से सामूहिक रूप से ही बच्चो को इन ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाया जाता है ,ऐसे में अध्यापकों व विद्यार्थियों को पढ़ने में काफी कठिनाई का सामना भी करना पड़ता है।
मौसम की मार झेलने को मजबूर है बच्चे
छप्पर तीन तरफ से खुला है सर्दी के मौसम में बच्चो को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है। वहीं बारिश के मौसम में पानी कई बार सीधा छप्पर में आ जाता हैं जिससे यहां कि सारी व्यवस्थाएं डगमगा जाती हैं।
लचर व्यवस्था से गिर रहा नामांकन-
एक ओर जहां हर बार प्रवेशोत्सव धूमधाम से मनाकर नवप्रवेशित बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाता है वहीं नटियों की ढ़ाणी के प्राथमिक विद्यालय विद्यालय के पिछले लम्बे समय से एक जैसे हालात को देखकर अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश दिलवाने से कतरा रहे है। ये विद्यालय सत्र 2010-11 के सत्र से 149 विद्यार्थियों के नामांकन के साथ शुरू हुआ था जो की अब सिर्फ 62 हो गया है। कक्षा पांच में पढने वाले छात्र वीर का कहना है कि हमारे स्कूल के कोई चहारदीवारी नहीं होने के कारण मवेशी घुस जाते है और कभी- कभी पुस्तकें भी खा जाते है।
सत्र नामांकन
2018 -19 में 84
2019 -20 में 88
2020 -21 में 93
2021 -22 में 106
2022 -23 में 96
2023 -24 में 62

इनका कहना है…
तिंवरी जेडीए क्षेत्र में आता है इसलिए पिछले काफी समय से स्कूल के लिए भूमि आवंटन के लिए प्रयास किया जा रहा था। अब कुछ ही समय पहले भूमि का आवंटन हुआ है । उम्मीद है अब जल्द बजट स्वीकृत होगा व नए भवन का निर्माण कार्य चालू हो जाएगा।
रतिराम सपुनिया ( कार्यवाहक सीबीईओ ,तिंवरी )

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