वे शनिवार को दिल्ली से लूणी विधानसभा क्षेत्र पहुंचे और अवैध खनन के विरोध में चल रहे धरने में शामिल हुए। यहां पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में जब से ये सरकार बनी है, तब से राज्य की नदियों को अवैध रूप से खोदने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि एसपी, डिप्टी एसपी, एसडीएम, माइनिंग कर्मचारियों पर बजरी माफिया ने गाड़ी चढ़ाई है, हमला किया है, गाडिय़ां तोड़ी हैं, गोलियां चलाई हैं।
एनजीटी में जाएंगे, ताकि निष्पक्ष सर्वे हो
एनजीटी में जाएंगे, ताकि निष्पक्ष सर्वे हो
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लूणी और जोजरी बेल्ट में अवैध रूप से बजरी का कारोबार चल रहा है, लेकिन राज्य सरकार ने बजरी माफिया को सलूहियत देने के वास्ते एक नियम निकाला है। अब राजस्थान में अपने खेत में बजरी खोद सकते हैं। कल फिर एक और ऑर्डर निकाल दिया कि सहमति से किसी के खेत से बजरी निकाली जा सकती है। शेखावत ने कहा कि इस समस्या का समाधान निकालने के लिए पहला प्रयास जिला स्तर पर करें। कलक्टर और माइनिंग अफसरों के साथ बैठकर बातचीत करें। यदि अफसरों ने कार्रवाई की तो ठीक है, वरना राज्य स्तर पर हम कार्रवाई करेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी इनकी शिकायत करेंगे।
घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी
घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी
जल जीवन मिशन की शुरुआत में पहले साल राजस्थान को 2500 करोड़ का भरोसा दिया और हजार करोड एडवांस दिए, पर राज्य सरकार ने कोई खास काम नहीं किया। 1600 करोड़ रुपए बच गए। फिर बजट बना तो राजस्थान को सबसे ज्यादा 2500 करोड़ रुपए दिए, जिसमें से भी 1500 करोड़ बच गए। इस बार राजस्थान को 10 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए आवंटित किए गए हैं। लगातार राज्य सरकार के पीछे पड़ रहा हूं, लेकिन विडंबना देखिए हर तीसरे महीने यहां अधिकारी बदल दिए जाते हैं।
पाली में 150 करोड़ से बनेगा एसटीपी
पाली में 150 करोड़ से बनेगा एसटीपी
उन्होंने बताया कि लूणी क्षेत्र में पाली से आने वाले कैमिकल के गंदे पानी की समस्या केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय को बताई। पाली में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर दिया गया है। अच्छी बात यह है कि इसकी मॉनिटरिंग एनजीटी करेगा।