अगर काम करने की इच्छा हो तो कोई रुकावट नहीं बनता। इसी बात को साध्य किया है मंडोर क्षेत्र के कुछ युवाओं और बुजुर्गों ने। सुबह-शाम सैर के लिए जाते और अब गंदगी दिखती तो कई परेशानियां भी सामने आती। सडक़ किनारे सैर कर नहीं पा रहे थे और सडक़ के बीच चलते तो हादसों का डर। सुनने वाला कोई था नहीं तो उन्होंने किसी से शिकायत करने की बजाय खुद ही हालात सुधारने की ठान ली।
स्वच्छता, पर्यावरण एवं जीव रिलिफ सोसायटी के दलीपसिंह व मुन्नासिंह गहलोत के साथ मिलकर कुछ युवाओं ने एक माह तक लगातार सुबह-शाम श्रमदान कर तीन किलोमीटर लम्बी सडक़ की सूरत ही बदल दी। जिस सडक़ किनारे पहले चलना भी मुश्किल था वहां अब आराम से सैर सपाटा होता है। इसके लिए उन्होंने किसी सरकारी मशीनरी से न तो उम्मीद की और न ही उनका सहयोग लिया। उनके इस अभियान में एसबीआई एनएलयू के प्रबंधक राजेश गहलोत, मनीष सोलंकी, मुकेश, सुरेश गहलोत, युद्धिष्ठिर सिंह, भीकसिंह और लादूसिंह ने सहयोग किया।
इन सडक़ों की हालत बदल दी मंडोर क्षेत्र में वार्ड संख्या ६३ और ६४ के मध्य खोखरिया बेरा वाया पदाला, सुखाला, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे से होकर डिस्कॉम जीएसएस के पास से नागौर रोड से मिलने वाली सडक़ पर स्वच्छता अभियान चलाया। इसके साथ ही एनएलयू और एफडीडीआई के मध्य सडक़ को भी चमका दिया।
19 अप्रेल से शुरू किया काम युवाओं के साथ बुजुर्गों ने १९ अप्रेल से यह सफाई का काम शुरू किया है। एक माह में उन्होंने इन सडक़ों की सूरत बदल कर रखी दी। अब इन्हें आगे भी अन्य सडक़ों पर श्रमदान कर स्वच्छता की अलख जगाने की ठानी है। इसके लिए सभी युवाओं के साथ बुजुर्गों ने भी संकल्प लिया। वे सडक़ के आस-पास की झाडि़यों और बिजली के तारों के पास पेड़ों की टहनियों को काटने की योजना भी बना चुके हैं।