गोडावन की संख्या 2 अंकों में करीब चार दशक पूर्व जैसलमेर के रेगिस्तान में सम सुदाश्री , फुलिया , म्याजलार , खुड़ी , सत्तो आदि क्षेत्र में राजस्थान के ‘ सरताज ‘ पक्षी गोडावण की संख्या करीब 1260 थी , जो घटकर मात्र दो अंकों तक जा पहुंची है । पवन चक्कियों की अंधाधुंध स्थापना सहित बस्टर्ड विचरण स्थलों पर फैलता बिजली के तारों का जाल दुर्लभ पक्षी के लिए अकाल मौत का कारण बनता जा रहा है । यही कारण है कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने गोडावण को बचाने के लिए ट्रांसमिशन लाइनों को भूमिगत करने को कहा है । इसके अलावा गोडावन का प्राकृतिक आहार कीड़े आदि भोजन भी तेजी से कम होने लगा है।