सुबह ही राजस्थान पुलिस ने अंकित भादू पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। इसी दौरान शाम के समय पंजाब पुलिस के ऑर्गेनाइज्ड क्राइम यूनिट व मोहाली पुलिस ने पीर मुछैला की उस सोसायटी को घेर लिया, जहां अंकित भादू अपने साथियों के साथ छिपा हुआ था। भारी बारिश के बीच पुलिस ने अंकित के फ्लैट को घेर लिया। अंकित ने जब दरवाजा नहीं खोला तो पुलिस दरवाजा तोडकऱ भीतर घुस गई। अंकित ने खुद को बचाते हुए पहली मंजिल पर छलांग मार दी और वहां खड़ी अक्षित नामक छह वर्षीय बच्ची को रिवाल्वर की नोक पर ले लिया। अंकित के साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने बच्ची को छुड़ाते हुये गैंगस्टरों पर फायरिंग शुरू कर दी। अंकित को गोली लगने से वह वहीं पर ढेर हो गया। दोनो तरफ करीब आधा घंटा फायरिंग होती रही।
गैगस्टर भादू पर था 1 लाख का ईनाम पीरमौछल्ला में आर्गेनाइज्ड क्राइम युनिट से गैंगस्टरों की मुठभेड हुई थी। जहां एन्काउंटर में अंकित भादू की मौत हुई वहीं उसकी मौत के कुछ समय बाद उसके दोनों गैंगस्टर साथियों गिंदा काणा व जर्मन जीरा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अंकित भादू को पकडऩे के लिए 1 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था। राजस्थान के डीजीपी ने गुरुवार को ही अंकित भादू पर एक लाख रुपए ईनाम की घोषणा जारी की थी। अंकित भादू राजस्थान के साथ पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा से भगौड़ा था।
राज्य पुलिस का एक लाख रुपए का इनामी बदमाश व चण्डीगढ़ के पास एनकाउंटर में ढेर होने वाला अंकित भादू जोधपुर में दो व्यापारियों के ठिकानों पर फायरिंग में भी वांछित था। जोधपुर पुलिस दो साल से उसकी तलाश में थी। पुलिस के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई का खास गुर्गा अंकित भादू 19 जून को सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल शोरूम और 20 जून 2017 को शास्त्रीनगर में हैण्डीक्राफ्ट कारोबारी के बंगले पर फायरिंग में शामिल था। हालांकि गोलियां लॉरेंस के शूटर हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट ने चलाई थी, लेकिन वारदात के बाद हीरा ने यह हथियार अंकित भादू को सौंप दिए थे। वह सरदारपुरा व शास्त्रीनगर थाने में दर्ज दोनों मामलों में फरार था।