चतुर्थी का व्रत रखे गणपति के भक्तों ने विघ्न बाधाओं को दूर रखने की कामना के साथ प्रथम पूज्य की आराधना की। वृश्चिक लग्न में मध्याह्न के समय गणपति जन्म की मान्यता के चलते अधिकांश श्रद्धालुओं ने दोपहर वृश्चिक लग्न के मुहूर्त में गणपति प्रतिमाओं को स्थापित कर पूजन किया। महिलाओं-बच्चों और युवाओं में दर्शन के प्रति खासा उत्साह नजर आया। चांदपोल के बाहर विद्याशाला-किला रोड स्थित दक्षिणामुखी सिद्देश्वर गणेश मंदिर में सुबह दुग्धाभिषेक किया गया। शिव सेना की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में करीब ७०० प्रतिमाएं स्थापित की गई है। शिवसेना की ओर से मुख्य गणेश मूर्ति अभिजित मुहूर्त में विधिवत पूजन के बाद जालोरीगेट पर स्थापित की गई।
शिव सेना के जिला प्रमुख संपत पूनिया, जिला सचिव गजेन्द्र महिया ने बताया कि शहर में स्थापित अधिकांश गणपति की प्रतिमाएं ईको फ्रेण्डली स्थापित करने की अपील की गई है। जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर में गणपति महोत्सव समिति की ओर से विधिवत पूजन कर गणेश प्रतिमा को स्थापित किया। जूनी धान मंडी स्थित गुरु गणपति मंदिर (इश्कियां गजानन ) एवं सोजतीगेट स्थित प्राचीन गढ़ लंबोदर गणेश मंदिर में गणेशजी के प्रिय मोदक के लड्डूओं व चूरमें का भोग लगाया गया।
51 हजार लड्डूओं का भोग जोधपुर। रातानाडा गणेश मंदिर में आकर्षक ऋतुपुष्पों से सजे रिद्धि-सिद्धि सहित गणपति प्रतिमा को भक्तों के सहयोग से निर्मित 51 हजार लड्डूओं का भोग लगाया गया। सुबह महाआरती के दौरान समूचा मंदिर परिसर गणपति बप्पा के जैकारों से गूंज उठा। महोत्सव का शुभारंभ सूरसागर बड़ा रामद्वारा के संत महंत रामप्रसाद महाराज के सान्निध्य में राज्यसभा सदस्य नारायण पंचारिया, जेडीए अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रसिंह राठौड़, महापौर घनश्याम ओझा ने ध्वजारोहण कर किया। मंदिर के पुजारी कृष्ण मुरारी ने बताया कि मंदिर में ११ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों के तहत शनिवार से संत रामप्रसाद के सान्निध्य में कथा का आयोजन किया जाएगा।