वर्तमान में पाकिस्तान से आ रहे टिड्डी दल में 75 प्रतिशत गुलाबी टिड्डी है जो युवा व ऊर्जावान है। ट्रेक्टर सहित अन्य माउंटेड स्प्रेयर के लिए चुनौती बनी इस टिड्डी ने वायुसेना और निजी कम्पनी के हेलीकॉप्टर को भी छका दिया। हेलीकॉप्टर की आवाज से ही काफी टिड्डी उड़ गई। हेलीकॉप्टर से टिड्डी का खात्मा मध्यम स्तर का रहा। गुलाबी टिड्डी अब धीरे-धीरे परिपक्व पीली टिड्डी में बदल रही है जो अण्डे देने का मानस रखती है और खाना भी कम खाती है।
टिड्डी चेतावनी संगठन के अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो में नियंत्रण किया गया। जैसलमेर जिले के अमीरों की बस्ती,162 आरडी,138 आरडी,155 आरडी, एक्का पोखरण, डेलासर, बाड़मेर जिले के टिकमपुरा, बिसासर, रामपुरा, एक्कल,हुसैन का तला, जोधपुर जिले के मटोचक, बुंगाड़ी, जैसला,जांबा की ढानी,केरला नाड़ा, भीकमकोर, बीकानेर जिले के 22 बीडी, श्रीगंगानगर 15 एच,22 एमडी, नागौर जिले के सिलारिया ,ढहरी ,दाऊ डटीना, कल्लनवास, चमाडिय़ा, सीकर जिले के किशोरेपुरा, बूचेरा, टतेरा, दौसा जिले के जौन, गोथरा तथा उत्तरप्रदेश के जालोन जिले के गोरन, झाँसी जिले के असता, महोबा जिले के भुरटोड़ा नामक स्थान पर टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया।
हमेशा की तरह जोधपुर में अधिकांश स्थानों पर टिड्डी बनी हुई है। यहां फलोदी, बाप, बापिणी, लोहावट, ओसियां के 18 स्थानों पर टिड्डी पर पेस्टीसाइड छिडक़ा गया। अधिकांश जगहों पर टिड्डी के छोटे दल ही थे।