कैप्टन शशि किरण ने कहा कि उच्च गति वाली रोलिंग स्टॉक को 220 किमी प्रति घंटे की गति पर परीक्षण किया जाएगा। इसे 820 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों में बनाया जा रहा है। यह दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। 27 किमी का कार्य पूरा हो चुका है। इससे न केवल भारतीय रेलवे, बल्कि हम विदेशी देशों की रोलिंग स्टॉक का भी परीक्षण कर सकेंगे।
इतने ब्रिज बनेंगे
– टेस्ट के उद्देश्य से 34 छोटे ब्रिज बनेंगे, इनमें से 24 का कार्य पूरा हो चुका है और शेष 10 का कार्य प्रगति पर है।– ट्रैक की भूमि पर 8 रेलवे अंडर ब्रिज में से 3 ब्रिज बनकर तैयार।
– ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी। इसमें गुढ़ा में एक हाई स्पीड 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा। नावां में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मिथ्री में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा।
यह होंगे परीक्षण
– अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन का ट्रायल होगा।– लोकोमोटिव और कोच के अलावा इस ट्रैक को हाई एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा।