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जड़ी-बुटियों से सुरक्षित घी
गोशाला की स्थापना के समय से ही 2014 यानि गत करीब 9 वर्षों से गौशाला का घी किसी को भी न बेचकर ना ही किसी को देकर केवल एकत्रित किया जा रहा है। करीब 9 सालों से एकत्रित किया जा रहा घी अभी तक खराब नहीं हुआ। इसके लिए गोशाला संचालक महर्षि संदीपनी राम महाराज ने ब्राह्मी व पान की पत्तियां समेत 5 प्रकार की अन्य जड़ी बूटियों का रस तैयार करके घी में मिलाया। इसके बाद घी को स्टील की टंकी में डालकर एसी में 16 डिग्री तक के तापमान में रखा और सुरक्षित स्टोरेज का ही नतीजा है कि 9 साल बाद भी यह घी पहले जैसा ही है।
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108 रथ तैयार हो रहेघी गोशाला में ही लकड़ी के बन रहे 108 रथों में कार्तिक मास की पूर्णिमा 27 नवम्बर को रवाना किए जाएंगे। हर रथ को 2 बैलों से खींचा जाएगा। जोधपुर से अयोध्या की दूरी करीब 1150 किलोमीटर की है और यह दूरी 21 दिनों में पूरी की जाएगी। प्रतिदिन करीब 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी और यात्रा 18 दिसंबर को अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। इस पूरी यात्रा में करीब 15-20 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। गोशाला संचालक महर्षि संदीपनी राम महाराज ने बताया कि सर्व समाज के सहयोग से यह कार्य होगा। इसके लिए उन्होंने राम भक्तों और भामाशाहों से सहयोग मांगा है। गोभक्त भी इन प्रयासों में सहयोग कर रहे हैं।