भारतीय राष्ट्रीय युवक कांग्रेस (यूथ कांग्रेस) के संगठनात्मक चुनाव को लेकर उठा विवाद आर्थिक अनियमितता और धोखाधड़ी के आरोपों के साथ अब पुलिस तक पहुंच गया है। इसकी आंच राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लवुरु तक जा पहुची है। खुद यूथ कांग्रेस के ही कार्यकर्ता ने इन दोनों सहित 4 पदाधिकारियों के खिलाफ प्रदेश के युवाओं को उज्ज्वल भविष्य का झांसा देने, धोखाधड़ी कर रुपए ऐंठने का आरोप लगाते हुए जोधपुर जिले के भोपालगढ़ पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है।
परसराम मदेरणा राजकीय पीजी कॉलेज के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष रहे भोपालगढ़ उपखंड के नाड़सर निवासी रामचंद्र जलवाणिया ने उक्त मामला दर्ज कराया है। थाना प्रभारी राजेन्द्र खदाव के अनुसार भादसं की धारा 420 व 406 के तहत दर्ज मामले की जांच एएसआइ ज्ञानपाल को सौंपी गई है।
रिपोर्ट में आरोप: चारों को मिले 6.25 करोड़
जलवाणिया ने पुलिस को बताया, यूथ कांग्रेस ने 22 फरवरी 2018 को सदस्य बनने व बनाने के लिए सूचना जारी की थी। उसने निर्धारित 125 एफडी सदस्यता शुल्क देकर सदस्यता ली। श्रीनिवास व अल्लवुरु के साथ एफसी तरुण त्यागी व प्रदेश रिटर्निंग अधिकारी जगदीश सन्धू ने सदस्यता अभियान के बाद लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करवाने का प्रलोभन दिया। इस पर मैंने सघन अभियान चलाकर प्रदेश में 4383 सदस्य बनाए लेकिन 2 साल तक चुनाव नहीं कराए गए।
जलवाणिया ने पुलिस को बताया, यूथ कांग्रेस ने 22 फरवरी 2018 को सदस्य बनने व बनाने के लिए सूचना जारी की थी। उसने निर्धारित 125 एफडी सदस्यता शुल्क देकर सदस्यता ली। श्रीनिवास व अल्लवुरु के साथ एफसी तरुण त्यागी व प्रदेश रिटर्निंग अधिकारी जगदीश सन्धू ने सदस्यता अभियान के बाद लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करवाने का प्रलोभन दिया। इस पर मैंने सघन अभियान चलाकर प्रदेश में 4383 सदस्य बनाए लेकिन 2 साल तक चुनाव नहीं कराए गए।
रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 2 वर्ष बाद फिर से और सदस्य बनाने की सूचना जारी कर दी गई। इस पर मैंने और प्रदेश के कई युवाओं ने लगभग 5 लाख सदस्य बनाए। सदस्यता शुल्क के नाम पर इन चारों लोगों को लगभग 6.25 करोड़ रुपए मिले।
आखिर गत 22 व 23 फरवरी को ऑनलाइन चुनाव के बाद 3 मार्च को परिणाम घोषित किए गए। इसमें भी पहले सर्वाधिक 46304 मतों के साथ सुमित भगासरा को प्रदेशाध्यक्ष घोषित किया गया। बाद में 7 अप्रेल को नया परिणाम जारी कर प्रदेशाध्यक्ष पद पर मुकेश भाकर को विजयी घोषित कर दिया गया। आरोपियों ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए बिना ही कह दिया कि ऐप हैक होने के कारण परिणाम बदला है।