ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट की तर्ज पर राजस्थान में भी एक्सपो मार्ट बन सकता है। एक्सपो मार्ट बनने से यहां भी राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेलें, प्रदर्शनियां लगेगी। इससे हस्तशिल्प कारोबार का विस्तार होगा। साथ ही, राज्य सरकार को आय व हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। राजस्थान हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फ ोरम के कोर कमेटी सदस्यों ने उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा को हस्तशिल्प नीति में शामिल करने के लिए निर्यातकों के सुझावों की प्रति सौंपी। इस पर मीणा ने कहा कि हस्तशिल्प निर्यात के लिए नए.नए बाजारों को खोजने व उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार निर्यातकों व शिल्पियों को यथा संभव सहयोग करेगी।
—– प्रति में शामिल प्रमुख सुझाव – दस हस्तशिल्प आधारित औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना जिनमें केवल हैण्डीक्राफ्ट्स उद्योगों के साथ ही उनकी सहायक इकाइयों को स्थान आवंटित किए जाए। – राजस्थान में कोई समुद्री पोर्ट नहीं है और यहां से कंटेनर जहाज में चढ़ाने के लिए रेल या ट्रक से गुजरात भेजने पड़ते है। इस वजह से राज्य के निर्यातक अन्य राज्यों से पिछड़ जाते है, सरकार को कंटेनर फ्रे ट पर सब्सिडी देनी चाहिए।
– सीजण्ड और ट्रीटेड लकड़ी की निरंतर उपलब्धता के लिए जयपुर, जोधपुर व सरदारशहर में रॉ मैटेरियल बैंक और सी एफ सी की स्थापना की जाए। – कम पानी से उगने वाले बबूल, आम और शीशम की खेती को कृषि आधारित उद्योग का दर्जा दिया जाए।
— हस्तशिल्प नीति लागू होने से प्रदेश का निर्यात कारोबार दुगुना हो जाएगा। इससे रोजगार की दर भी दुगुनी हो जाएगी व हस्तशिल्पियों-कामगारों को रोजगार मिलेगा।नवनीत झालानी, कोर्डिनेटर राजस्थान हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फ ोरम
—- हस्तशिल्प उद्योग को मनरेगा योजनाओं की सूची में शामिल करके इसकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और लागत घटाने में सहयोग किया जाना चाहिए, इससे हस्तशिल्प उद्योग में मजदूरों के अभाव की समस्या खत्म हो जाएगी।
डॉ भरत दिनेश, जोधपुर कोर्डिनेटर राजस्थान हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स जॉइंट फ ोरम