जोधपुर. गरीबी में हुआ आटा गीला कहावत को चरितार्थ करते यह रावण के पुतले फुटपाथ पर बेचने के लिए बनाए गए।
जोधपुर•Oct 26, 2020 / 04:44 pm•
जय कुमार भाटी
जोधपुर. गरीबी में हुआ आटा गीला कहावत को चरितार्थ करते यह रावण के पुतले फुटपाथ पर बेचने के लिए बनाए गए। लेकिन कोविड-19 की महामारी के कारण पुतले नहीं बिके और यह गरीब कर्जदार हो गए। ऐसे में अब शहर के पाली रोड, पाल रोड व बनाड़ रोड स्थित सारण नगर पुल के नीचे फुटपाथ पर रखे रावण के पुतले नजर आ रहे है। फोटो- एसके मुन्ना
जोधपुर. गरीबी में हुआ आटा गीला कहावत को चरितार्थ करते यह रावण के पुतले फुटपाथ पर बेचने के लिए बनाए गए। लेकिन कोविड-19 की महामारी के कारण पुतले नहीं बिके और यह गरीब कर्जदार हो गए। ऐसे में अब शहर के पाली रोड, पाल रोड व बनाड़ रोड स्थित सारण नगर पुल के नीचे फुटपाथ पर रखे रावण के पुतले नजर आ रहे है। फोटो- एसके मुन्ना
जोधपुर. गरीबी में हुआ आटा गीला कहावत को चरितार्थ करते यह रावण के पुतले फुटपाथ पर बेचने के लिए बनाए गए। लेकिन कोविड-19 की महामारी के कारण पुतले नहीं बिके और यह गरीब कर्जदार हो गए। ऐसे में अब शहर के पाली रोड, पाल रोड व बनाड़ रोड स्थित सारण नगर पुल के नीचे फुटपाथ पर रखे रावण के पुतले नजर आ रहे है। फोटो- एसके मुन्ना
जोधपुर. गरीबी में हुआ आटा गीला कहावत को चरितार्थ करते यह रावण के पुतले फुटपाथ पर बेचने के लिए बनाए गए। लेकिन कोविड-19 की महामारी के कारण पुतले नहीं बिके और यह गरीब कर्जदार हो गए। ऐसे में अब शहर के पाली रोड, पाल रोड व बनाड़ रोड स्थित सारण नगर पुल के नीचे फुटपाथ पर रखे रावण के पुतले नजर आ रहे है। फोटो- एसके मुन्ना
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