7वीं राज्य स्तरीय नारको समन्वय की बैठक जयपुर के सचिवालय में आयोजित की गई। मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की खरीद-फरोख्त पर चिंता जताते हुए रोकथाम के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए गए। एनसीबी जोधपुर के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी ने बताया कि राज्य में नशीली दवाइयों के दुरुपयोग व नशे के रूप में सेवन को नियंत्रित करने और रोकथाम की रणनीति पर चर्चा की गई। साथ ही नशीले पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियानों का मूल्यांकन किया गया। एडीजी (एसओजी-एटीएस) वीके सिंह और अन्य विभागों के अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे।
इन पर चर्चा
– एनडीपीएस की अदालतों की क्षमता को मजबूत किया जाए। लम्बितमामलाें की त्वरित सुनवाई की अनिवार्यता पर बल दिया गया। मुख्य सचिव ने समय पर मामलों के निस्तारण की आवश्यकता जताई। – नारको समन्वय की नियमित बैठक व समन्वय को बढ़ाने का निर्णय किया गया। जिला स्तर पर नियमित बैठक करने पर बल दिया गया। सूचनाओं के आदान प्रदान में सुधार से नशीली दवाइयों की तस्करी व खरीद-फरोख्त पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
– एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को सुदृढ़ किया जाएगा। – आमजन में ड्रग्स के दुरुपयोग के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। – विदेशी नागरिकों के नशीली दवाइयों संबंधी गतिविधियों में संलिप्तता पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।
– फार्मास्युटिकल दवाइयों की खरीद-फरोख्त पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि दवा विक्रेताओं और वितरकों से लेखांकन के नियमों का पालन करवाकर संदिग्ध लेन-देन की जांच की जाए।