मामले की जांच कर रहे बासनी थानाधिकारी मदनलाल बेनीवाल के अनुसार गिरफ्तार व्यवसायी सरदारपुरा 10वीं डी रोड निवासी आदित्य पुत्र कुशलचंद लोढ़ा को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे दो दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। अब तक की जांच में सामने आया कि व्यवसायी आदित्य ने सिर्फ कार चालक नरपतलाल जोशी के नाम से ही फर्जी बैंक खाता नहीं खुलवाया, बल्कि अपने रिश्तेदार व कर्मचारियों के नाम एक दर्जन से अधिक बैंक खाते खोल रखे थे। यह खाते नोटबंदी के दौरान अथवा पहले भी खुले हो सकते हैं। कार चालक के खाते में 54.66 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ था। अंदेशा है कि उसने सभी खातों से करीब बारह सौ करोड़ रुपए का लेन-देन किया।
गौरतलब है कि चामूं गांव निवासी नरपतलाल जोशी वर्ष 2016 में आदित्य लोढ़ा के यहां कार चालक था। नोटबंदी होने पर व्यवसायी आदित्य ने जोशी के नाम फर्जी बैंक खाता और श्री सांई ट्रेडिंग कम्पनी के नाम से कम्पनी खोली थी। इस खाते से 54.66 करोड़ रुपए का लेन-देन किया गया था। आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर चालक को पता लगा था। तब गत वर्ष 13 अप्रेल को उसने सरदारपुरा थाने में मामला दर्ज कराया था।
मोबाइल व्यवसायी के बाद हीरा व्यवसायी था लॉरेंस गैंग के निशाने पर हीरा व्यवसायी आदित्य लोढा भी रंगदारी वसूलने वाले पंजाब के गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के निशाने पर था। लॉरेंस विश्नोई गैंग ने सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लेकिन वासुदेव हत्याकांड में विश्नोई के अधिकांश साथी पकड़े जाने पर यह मंसूबा पूरा नहीं हो पाया। चामू निवासी नरपतलाल जोशी हीरा व्यवसायी लोढ़ा की कार का चालक था। लोढ़ा के यहां से नौकरी छोडऩे के बाद वह लॉरेंस गैंग के शूटर शेरगढ़ में दासानिया गांव निवासी हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट के सम्पर्क में आया था। मोबाइल व्यवसायी वासुदेव के रंगदारी न देने पर लॉरेंस गैंग उसकी हत्या की साजिश रच चुकी थी। उसकी रैकी करने में लॉरेंस गैंग के साथ कार चालक नरपतलाल भी शामिल था। हत्याकाण्ड के बाद उसी ने शूटर व उसके साथी को गांव में पनाह दी थी। नरपत ने ही आदित्य लोढ़ा के बारे में हरेन्द्र जाट को जानकारी और मोबाइल नम्बर भी दिए थे। वो अपने मालिक से मोटी रकम वसूलना कराना चाहता था। वासुदेव हत्याकाण्ड की जांच में दोनों के बीच बातचीत होने के भी साक्ष्य मिले हैं।