फलोदी के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथ सोनी ने बताया कि खीचन में एक और बीमार कुरजां को रेस्क्यू सेंटर लाया गया था, लेकिन उसका जीवन नहीं बचाया जा सका। बीमार कुरजां की मौत होने के बाद उसका विशेषज्ञों की निगरानी में निस्तारण किया गया।
कुरजां विशेषज्ञ डॉ. दाऊलाल बोहरा के अनुसार दिल्ली, अजमेर, जयपुर, बीकानेर आदि क्षेत्रों में मावठ की बारिश से वातावरण में नमी में इजाफा हुआ है, जिससे हवा का प्रवाह धीमा होगा। अब मावठ की बारिश के साथ यह वायरस समाप्त हो सकता है। हालांकि संक्रमण से कमजोर हो चुकी डेमोसाइल क्रेन के लिए मौसम खतरनाक बन सकता है।
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