पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) आलोक श्रीवास्तव का कहना है कि एसीपी लाबूराम ने मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें कुड़ी भगतासनी थाने में पदस्थापित रहे कांस्टेबल शांतिलाल, सरदारसिंह व ज्ञानचंद और डांगियावास थाने के एक कांस्टेबल दोषी पाए गए हैं। कांस्टेबल शांतिलाल, सरदारसिंह व ज्ञानचंद को १६ सीसी की चार्जशीट देने का निर्णय किया गया है। यह चार्जशीट एक-दो दिन में दे दी जाएगी। वहीं, डांगियावास थाने के कांस्टेबल के बारे में पुलिस उपायुक्त (पूर्व) भुवन भूषण यादव निर्णय करेंगे।
तत्कालीन थानाधिकारी की भूमिका नहीं
तत्कालीन थानाधिकारी की भूमिका नहीं
एसीपी लाबूराम ने इस मामले में कुड़ी भगतासनी थाने के तत्कालीन थानाधिकारी जुल्फिकार अली की भूमिका नहीं मानी है। हालांकि मातहत सिपाहियों पर समुचित मॉनिटरिंग में लापरवाही मानी गई है।
एक स्थान पर चार सिपाही व दो अन्य की लोकेशन
एक स्थान पर चार सिपाही व दो अन्य की लोकेशन
गौरतलब है कि गत मई में चारों सिपाहियों ने खेजड़ली चौराहे के पास एक व्यक्ति से कुछ अफीम पकड़ा था। फिर चारों ने कुछ और अफीम का दूध मंगाया था। वह व्यक्ति अफीम का दो किलो दूध लेकर आया था। उसे एनडीपीएस एक्ट में फंसाने की धमकी देकर चारों सिपाहियों ने करीब छह लाख रुपए एेंठ लिए थे। अफीम का दूध भी सिपाहियों ने हड़प लिया था। पुलिस के उच्चाधिकारियों तक बात पहुंची तो दो जून को कांस्टेबल शांतिलाल, ज्ञानचंद व सरदारसिंह और मॉनिटरिंग में लापरवाही मानकर थानाधिकारी को निलम्बित कर दिया था। जांच एसीपी लाबूराम को सौंपी गई थी। जांच के दौरान चारों सिपाहियों की लोकेशन खेजड़ली चौराहा आई थी।