——– फसल — गत वर्ष बुवाई — वर्तमान बुवाई बाजरा — 43.01 — 45.12 ग्वार — 23.94 — 30.67 मूंग — 25.61 — 20.53 सोयाबीन — 11.55 — 11.51
मोठ — 10.51 — 9.50 मक्का — 9.36 — 9.44 मूंगफली — 7.96 — 7.88 कपास — 7.56 — 6.52 ज्वार — 6.20 — 6.79 उड़द — 4.25 — 3.17
तिल — 2.90 — 2.65 धान — 1.96 — 2.27 अरंडी — 1.17 — 1.50 अन्य — 4.20 — 4.75 ——————————————————– कुल– 160.99————— 162.25 (फसल बुवाई आंकड़े लाख हैक्टेयर में)
स्रोत: कृषि विभाग व सांख्यिकी विभाग राजस्थान ——————— प्रदेश में कपास, मूंग-मोठ का रकबा घटा, बाजरा-ग्वार का बढ़ा प्रदेश में 18 अगस्त तक के जारी आंकड़ों के अनुसार कपास, मूंग व मोठ का रकबा गत पांच वर्ष के बुवाई रकबे से भी नीचे चला गया है। वहीं ग्वार व बाजरा की बुवाई गत वर्ष से तथा पांच वर्ष के औसत से अधिक हुई है। ग्वार की बिंजाई वर्ष 23.94 लाख हैक्टेयर में हुई थी, वहीं ग्वार का पांच वर्ष का औसत 30.75 लाख हैक्टेयर है। इस बार अब तक 30.67 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई है। वहीं बाजरा की बुवाई भी औसत से अधिक हुई है, गत वर्ष जहां 43.01 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। वहीं पांच वर्ष की बुवाई का औसत 42.58 लाख हैक्टेयर है, इसके विपरीत इस बार 45.12 लाख हैक्टेयर में बाजरे की बुवाई का अनुमान है।
———— इस बार अच्छे मानसून के चलते जिले में बाजरे की बुवाई अच्छी हुई है लेकिन सरकार का बाजरा खरीद के प्रति नकारात्मक रवैया जारी रहा तो मूंग-मोठ जैसी स्थिति बाजरे में भी आ सकती है।
तुलछाराम सिंवर, प्रदेश मंत्री भारतीय किसान संघ ——— मौसम की अनुकूलता व मानसून के मेहरबान होने से अच्छे फसल उत्पादन की उम्मीद है। गोरधनराम सियाग, किसान —————-