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योगा के लिए शुद्ध वायुएक्यूआई 100 के नीचे होने से शहर में योगा करने वालों को बेहतर वायु मिल रही है। हालांकि एक्यूआई पचास के नीचे होने से और अधिक बेहतर वातावरण मिलता है लेकिन पश्चिमी राजस्थान में सौ के नीचे वायु मिलना भी मुश्किल होता है। जानकारों के अनुसार इन दिनों सुबह-सुबह खुले में प्राणायाम करने से शुद्ध वायु फेफड़ों में जाती है। इससे मौसमी बीमारियों से लडऩे में भी फायदा मिलता है।
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रेतीले प्रदेश में प्रदूषण अधिकरेतीला प्रदेश होने की वजह से गर्मियों और सर्दियों में पश्चिमी राजस्थान में वायु प्रदूषण अधिक होता है। गर्मियों में उड़ती बालू से जहां चारों तरफ धूल कण व्याप्त हो जाते हैं वहीं सर्दियों में हवा मंद रहने से वातावरण में धूल व वाष्प कण एक जगह ठहरकर प्रदूषण को बढ़ा देते हैं। अप्रेल-मई और दिसम्बर-जनवरी में एक्यूआई 200 से 300 के मध्य रहता है।
जोधपुर में बीते एक सप्ताह में मिल रही शुद्ध वायु
दिन- एक्यूआई
7 सितम्बर- 72
6 सितम्बर- 82
5 सितम्बर- 88
4 सितम्बर- 56
3 सितम्बर- 60
2 सितम्बर- 89
1 सितम्बर- 96 पश्चिमी राजस्थान में बेहतर हवा
शहर- एक्यूआई
सिरोही- 48
जैसलमेर- 75
बाड़मेर- 80
नागौर- 75
जालोर- 105
पाली- 94
(उपर्युक्त एक्यूआई सात सितम्बर का है।)
यह है एक्यूआई का स्तर
एक्यूआई- गुणवत्ता
0 से 50- अच्छा
51 से 100- बेहतर
101 से 200- ठीकठाक
201 से 300- खराब
301 से 400- बहुत खराब
401 से 500- बेहद खराब मानसून की उपस्थिति के कारण प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर वायु गणवत्ता बेहतर बनी हुई है। बारिश व हवा के कारण वायु लगातार शुद्ध होती रहती है।
आरएस शर्मा, निदेशक, भारतीय मौसम विभाग जयपुर
एक्यूआई- गुणवत्ता
0 से 50- अच्छा
51 से 100- बेहतर
101 से 200- ठीकठाक
201 से 300- खराब
301 से 400- बहुत खराब
401 से 500- बेहद खराब मानसून की उपस्थिति के कारण प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर वायु गणवत्ता बेहतर बनी हुई है। बारिश व हवा के कारण वायु लगातार शुद्ध होती रहती है।
आरएस शर्मा, निदेशक, भारतीय मौसम विभाग जयपुर