scriptनवरात्र 2019: चामुंडा मां के दरबार में उमड़ा भक्तों का सैलाब | Chamunda Mata Temple Jodhpur Rajasthan | Patrika News
जोधपुर

नवरात्र 2019: चामुंडा मां के दरबार में उमड़ा भक्तों का सैलाब

Chamunda Mata Temple Jodhpur: जोधपुर जिले के साथ-साथ पूरे देश में शारदीय नवरात्र का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में स्थित मां चामुंडा माता मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है।

जोधपुरOct 02, 2019 / 01:25 pm

Santosh Trivedi

ma_chamunda.jpg
जोधपुर। जोधपुर जिले के साथ-साथ पूरे देश में शारदीय नवरात्र का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के सभी मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। इसी क्रम में जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में स्थित मां चामुंडा माता मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है। नवरात्र को लेकर मां के मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। स्थानीय पुलिस सहित मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के सिक्योरिटी द्वारा चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है। मेहरानगढ़ ट्रस्ट की ओर से इस बार मेहरानगढ़ परिसर को प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त रखा गया है। माता के दर्शन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद कागज की थैली में लाने को कहा गया है। 9 दिनों तक चलने वाली नवरात्र के दौरान मां चामुंडा के मंदिर में लाखों श्रद्धालु आएंगे और मां चामुंडा के दर्शन करेंगे।
मेहरानगढ़ दुर्ग में स्थित मंदिर में चामुंडा की प्रतिमा 558 साल पहले विक्रम संवत 1517 में जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने मंडोर से लाकर स्थापित की थी। परिहारों की कुलदेवी चामुंडा को राव जोधा ने भी अपनी इष्टदेवी स्वीकार किया था। जोधपुरवासी मां चामुंडा को जोधपुर की रक्षक मानते है। मां चामुंडा माता के प्रति अटूट आस्था का कारण यह भी है कि वर्ष 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान जोधपुर पर गिरे बम को मां चामुंडा ने अपने अंचल का कवच पहना दिया था। किले में 9 अगस्त 1857 को गोपाल पोल के पास बारूद के ढेर पर बिजली गिरने के कारण चामुंडा मंदिर कण-कण होकर उड़ गया लेकिन मूर्ति अडिग रही।
शारदीय नवरात्रा की प्रतिपदा को 30 सितम्बर, 2008 में हुई मेहरानगढ़ दुखान्तिका में 216 लोग काल कवलित होने के बाद मंदिर में कुछ प्राचीन परम्पराओं में बदलाव किया गया है। आद्यशक्ति मां चामुंडा की स्तुति में कहा गया है कि जोधपुर के किले पर पंख फैलाने वाली माता तू ही हमारी रक्षक हैं। रियासतों के भारत गणराज्य में विलय से पहले मंदिर में नवरात्रा की प्रतिपदा को महिषासुर के प्रतीक भैंसे की बलि देने की परम्परा थी जो बंद की जा चुकी है। मां चामुंडा के मुख्य मंदिर का विधिवत निर्माण महाराजा अजीतसिंह ने करवाया था। मारवाड़ के राठौड़ वंशज चील को मां दुर्गा का स्वरूप मानते हैं। राव जोधा को माता ने आशीर्वाद में कहा था कि जब तक मेहरानगढ़ दुर्ग पर चीलें मंडराती रहेंगी तब तक दुर्ग पर कोई विपत्ति नहीं आएगी।

Hindi News / Jodhpur / नवरात्र 2019: चामुंडा मां के दरबार में उमड़ा भक्तों का सैलाब

ट्रेंडिंग वीडियो