सीबीआइ ने नशा मुक्ति केन्द्र में संदिग्ध दवाइयों की खरीद के मामले में निस्तारण की एवज में तीन लाख रुपए रिश्वत लेने पर केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के निरीक्षक आदर्श योगी और एक मध्यस्थ केशव को गिरफ्तार किया है। निरीक्षक के चित्तौड़गढ़ और बीकानेर में आवास की तलाश ली जा रही है।
दरअसल, अजमेर जिले में केकड़ी निवासी नरेन्द्र सोनी का भीलवाड़ा में नशा मुक्ति व मनोरोग नामक क्लिनिक है। गत 7 नवम्बर को क्लिनिक संचालक सोनी को सीबीएन निरीक्षक आदर्श योगी की ओर से जारी एक नोटिस मिला था। जिसमें क्लिनिक पर खरीदी दवाइयों के संबंध में कुछ दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए गए थे। इस पर सोनी ने संबंधित दस्तावेज सीबीएन के चित्तौड़गढ़ कार्यालय में जमा करवा दिए। आरोप है कि इस दौरान निरीक्षक ने मामले का निस्तारण करने के लिए ऊपर अधिकारियों का हवाला देते हुए 20 लाख रुपए मांगे थे। जिसकी शिकायत परिवादी ने गत 20 नवम्बर को सीबीआइ के जयपुर कार्यालय में की थी।
गोपनीय सत्यापन करवाने के लिए आरोपी को निरीक्षक के पास भेजा गया, जहां उसने 20 लाख रुपए रिश्वत राशि देने में असमर्थता जताई। तब निरीक्षक ने सफेद कागज पर दस लाख रुपए लिखकर दिखाए। अंत में आठ लाख रुपए लेने पर सहमति जताई थी।
रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई गई। निरीक्षक ने सीबीएन अधिकारियों की मौजूदगी के चलते स्वयं रिश्वत लेने से मना कर दिया। परिवादी चित्तौड़गढ़ पहुंचा, जहां उसने बतौर मध्यस्थ चित्तौड़गढ़ निवासी केशव को बतौर अग्रिम तीन लाख रुपए दिए। जिसे सीबीआइ नेे रंगे हाथों पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद चित्तौड़गढ़ में सीबीएन निरीक्षक आदर्श योगी को भी पकड़ लिया गया।