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Lohawat Assembly : यहां सनातन कार्ड और स्कीमों के ढिंढोरे पर जाति भारी

Electoral Equation : लोहावट में संघर्ष को त्रिकोणीय बनाने में जुटी रालोपा कांग्रेस और भाजपा का समीकरण बिगाड़ सकती है। यहां गजेंद्र सिंह ने विकास की इबारत लिखी थी पर किसनाराम ने पिछले चुनावों में उसको धो दिया था। दोनों को जीत की राह अभी तक साफ नजर नहीं आ रही तो इसके पीछे रालोपा के प्रत्याशी सत्यनारण हैं। वह कितने वोट लेकर जाते है, इस पर सारा समीकरण टिका हुआ है।

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Lohawat Assembly : यहां सनातन कार्ड और स्कीमों के ढिंढोरे पर जाति भारी

लोहावट विधानसभा के प्रत्याशियों के बारे में आमजन से बातचीत की गई।

संदीप पुरोहित. लोहावट के विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद यह चौथी बार चुनाव हो रहा है। कांग्रेस ने विधायक किसनाराम और भाजपा ने गजेंद्र सिंह पर फिर दांव खेला है। वहीं रालोपा के सत्यानारायण संघर्ष को त्रिकोणीय बनाने में जुटें हुए हैं। लोहावट सीट 2008 में विपक्ष में रहने के बाद दो बार सत्ताधारी दल के साथ रही। इस लिहाज से विकास की गति लगातार बढ़ती रही है, लेकिन इस चुनाव में विकास व राज्य सरकार की योजनाओं की जगह पर जातीय समीकरण हावी हैं। भाजपा से लगातार चौथी बार उतरे गजेन्द्रसिंह खींवसर के खाते में विकास के कामों की लंबी सूची है। वहीं किसनाराम पिछली बार गजेंद्र सिंह से 40876 वोटों से जीते थे। पर सियासी पंडितों के अनुसार गणित दूसरी है। कोई भी जीते पर मार्जिन इतना नहीं रहेगा।

कांग्रेस को मेघवालों-अल्पसंख्यकों के समर्थन की उम्मीद
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने वर्तमान सरपंच सत्यनारायण विश्नोई को उम्मीदवार बनाया है। इससे लोहावट विधानसभा क्षेत्र से इस बार मुकाबला त्रिकोणीय स्थिति की और चला गया। रालोपा भी चुनावी मैदान में अपनी जगह बनाने के प्रयास में है। दोनों ही दलों के समीकरण बिगाड़ सकती है। कांग्रेस और रालोपा दोनों के प्रत्याशी विश्नोई होने से वोट बैंक में सेंधमारी हो रही है। पर कांग्रेस को मेघवालों और अल्पसंख्यकों के अच्छे समर्थन की उम्मीद है। चार पंचायत समितियां हैं। हर प्रत्याशी की वहां अपनी अपनी गण्ति है। लोहावट और आउ में जहां किसनाराम मजबूत दिखाई दे रहे हैं, वहीं देचू और बापिणी में गजेंद्र सिंह प्रभावी नजर आते हैं, तो सत्यनारण के समर्थकों का कहना है कि हमें सब पंचायतों से वोट मिलेंगे। यहां मेघवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सियासी गलियारों में और चुनावी शोर में कितना ही सनातन कार्ड और स्कीमों का ढिंढोरा हो पर यहां लोहावाट में सिर्फ जाति के स्वर ही मुखर नजर आ रहे हैं।

इस प्रकार सेंध लगाने का होगा प्रयास
लोहावट विधानसभा क्षेत्र में राजपूत, विश्नोई, जाट, एससी-एसटी की जातीगत संख्या अधिक है। यहां पर किसनाराम विश्नोई व सत्यनारायण विश्नोई दोनों की विश्नोई समाज के साथ पार्टियों के परम्परागत वोट बैंक साधने का प्रयास कर रहें। वहीं भाजपा के गजेन्द्रसिंह खींवसर राजपूत समाज के साथ ओबीसी व सामान्य वर्ग के मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रहें है।

क्षेत्र के प्रमुख मद्दे
लोहावट विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्षों में विकास के अनेकों कार्य हुए, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा पेयजल को लेकर है। प्रत्याशी चुनावी सभाओं में गांव-गांव में नलकूप खुदवाने के बारें में बता रहें हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पेयजल को लेकर संकट बना हुआ है। इसके अलावा बिजली, सड़कें, चिकित्सा के क्षेत्र के भी मुद्दे बने हुए हैं।

तीन प्रमुख वादे
कांग्रेस
- विकास का क्रम जारी रखना
- नहरी पानी को सिंचाई के लिए लाना
- युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिए संसाधन जुटाना

भाजपा
- भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने
- पेयजल समस्या के समाधान का प्रयास करना
-बिजली तंत्र को मजबूत करना, मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करना

2018 चुनाव में मिले मत
कांग्रेस-किसनाराम विश्नोई -106084
भाजपा-गजेन्द्रसिंह खींवसर -65208
जीत का अंतर - 40876

इस बार कुल वोटर्स
कुल मतदाता-266920
पुरुष मतदाता-142456
महिला मतदाता-124463