अन्य महिलाओं को भी सिखाती हैं
सोनल कहती हैं कि पहले मैं बोतल पर आर्ट बनाने का काम करती थी। मुझे किसी ने कहा कि तुम बहुत अच्छी पेंटिंग करती हो, इसे हार्डबोर्ड पर करना शुरू करो। तब मैंने सोचा कि क्यों न राजस्थानी और गुजराती कला को मिक्स किया जाए। फिर मैंने बनी-ठणी को नए रूप में हार्डबोर्ड पर पेश किया। इसके बाद मैंने इससे कई महिलाओं को जोड़ा। पहले मैं महज कुछ रुपयों में ही अपनी पेंटिंग्स बेचा करती थी। अब उन्हीं पेंटिंग्स के मुझे एक लाख रुपए तक मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी लिपन आर्ट को गुजरात, बैंग्लोर, गोवा के साथ आयरलैण्ड, लंदन आस्ट्रेलिया, फिलिपिंस के लोगों ने भी काफी पसंद किया है।
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