ग्रामीणों के अनुसार रविवार रात्रि में रामदेवनगर व केतु हामा गांव में करीब आधा दर्जन बकरियों के शरीर पर पंजों से हुए घाव मिले है। रामदेवनगर गांव में रात में सो रहे एक बालक पर हमला करने से उसके कंधे व पीठ पर पंजे के निशान मिले है। हमले के दौरान बच्चे के चिल्लाने से परिजन जाग होने पर जानवर भाग गया। अंधेरे में ग्रामीण जंगली जानवर की पहचान नही कर पाए। घटना के बाद सोमवार सुबह ग्रामीणों ने जानवर के पगमार्क देखकर पैंथर के मूवमेंट होने की आशंका जताई लेकिन वनविभाग और वन्यजीव विशेषज्ञों ने भेडिय़े के पगमार्क होना बताया है। हिंसक जानवर के मूवमेंट से ग्रामीणों में भय का माहौल है। बालेसर रेंजर महेन्द्र चौधरी ने बताया कि हिंसक जानवर को पकडऩे के लिए रेस्क्यू टीम क्षेत्र में भेजी जाएगी।
पैंथर नहीं भेडि़या ही है हमलावर
क्षेत्र के केतु हामा गांव में जानवर के जो पगमार्क मिले है वो भेडि़ए के है। किसान व पशुपालक मवेशियों को बाड़े में बांधकर रखें, वहीं बच्चों को रात्रि के समय में घर के बाहर या आंगन में खुले में नहीं सुलाये। जिस क्षेत्र में जानवर का मूवमेंट है वहां पर किसान अकेले खेतों में नही जायें। रात्रि के समय में भी घरों की रोशनी रखना चाहिए।
डॉ. श्रवणसिंह राठौड़, वन्यजीव चिकित्सक व विशेषज्ञ जोधपुर।
क्षेत्र के केतु हामा गांव में जानवर के जो पगमार्क मिले है वो भेडि़ए के है। किसान व पशुपालक मवेशियों को बाड़े में बांधकर रखें, वहीं बच्चों को रात्रि के समय में घर के बाहर या आंगन में खुले में नहीं सुलाये। जिस क्षेत्र में जानवर का मूवमेंट है वहां पर किसान अकेले खेतों में नही जायें। रात्रि के समय में भी घरों की रोशनी रखना चाहिए।
डॉ. श्रवणसिंह राठौड़, वन्यजीव चिकित्सक व विशेषज्ञ जोधपुर।
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