जोधपुर

एम्स में बायो रेसोर्बेबल स्टेंट का प्रत्यारोपण

खासियत: शरीर में इंप्लाट होने के दो से तीन साल बाद अपने आप घुल जाता है

जोधपुरJul 15, 2021 / 11:19 pm

Abhishek Bissa

एम्स में बायो रेसोर्बेबल स्टेंट का प्रत्यारोपण

जोधपुर. एम्स जोधपुर के ह्रदय रोग विभाग के विशेषज्ञों ने नवीनतम तकनीक के बायो रेसोर्बेबल स्टेंट का सफ लतापूर्वक एक मरीज में प्रत्यारोपण किया। यह स्टंट पोलिमर से बना होता है जो शरीर में इंप्लाट होने के दो से तीन साल बाद अपने आप घुल जाता है। एम्स जोधपुर के अधीक्षक डॉ. महेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि बीकानेर के 52 वर्षीय हार्ट अटैक से पीडि़त मरीज को एम्स में भर्ती किया गया। चिकित्सकों ने एंजियोग्राफ ी कर ब्लॉकेज का पता लगाया और स्टंट लगवाने की सलाह दी गई। मरीज की स्वीकृति के पश्चात ब्लॉकेज हटाने के लिए एमइआरइएस 100 माइक्रोन बायो रेसोर्बेबल स्टंट लगाया गया। डॉ राहुल चौधरी ने बताया कि संपूर्ण एंजियोप्लास्टी कोरोनरी इमेजिंग की सहायता से की गई ताकि स्टंट के साइज़ और लम्बाई का सही अनुमान लगाया जा सके। राजस्थान के किसी भी सरकारी संस्थान में इस तकनीक से की गई यह अपनी तरह की प्रथम एंजियोप्लास्टी है। मरीज का प्रोसिजर ह्रदयरोग विभाग के डॉ राहुल चौधरी, डॉ. सुरेंद्र देवड़ा और डॉ. अतुल कौशिक ने नर्सिंग स्टाफ एवं तकनीकी स्टाफ की मदद से किया।
जानिए क्या होता है बायो रेसोर्बेबल स्टेंट
यह स्टंट इंप्लाट होने के दो से तीन साल बाद आर्टरी में घुल जाता है। हार्ट की कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज़ होने पर सामान्यतया एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी से इसे ठीक किया जाता है। बिना सर्जरी के एंजियोपलास्टी से स्टेंट लगाना काफ ी कारगर उपचार है लेकिन कई मामलों में मैटलिक स्टेंट फि र से बंद हो जाता है या मरीज को स्टेंट से जुडी अन्य समस्या हो सकती है। लेकिन अब नवीनतम तकनीक से लगाए गए मैटलिक स्टेंट कुछ समय बाद शरीर में ही घुल जाते हैं और आर्टरी सामान्य रूप से कार्य करने लगती है। पुरानी तकनीक से लगाए गए मैटलिक फ्रे म से बने स्टेंट हमेशा आर्टरी में रहते हैं लेकिन बायो डिग्रेडेबल स्टेंट ऐसी तकनीक है जिसमें मैटलिक फ्रे म का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह स्टंट पोलिमर से बना होता है जो शरीर में इंप्लाट होने के दो से तीन साल बाद अपने आप घुल जाता है। स्टंट घुलने के बाद आर्टरी प्राकृतिक अवस्था में आ जाती है। कम आयु के मरीज़ों के लिए बायो डिग्रेडेबल स्टंट से एंजियोप्लास्टी और भी अधिक उपयोगी है।

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