पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) जोधपुर कार्यालय की साइक्लोनर टीम व एसओजी ने रामड़ावास और पाली में रोहट के पास डूंगरपुर गांव में दबिश देकर मंगलवार अल-सुबह एईएन भर्ती घोटाले में वांछित 25 हजार रुपए के इनामी शारीरिक शिक्षक पीटीआई और उसके मौसेरे भाई को पकड़ लिया। पीटीआई में चयनित होने से पहले वह नौ साल तक जेल प्रहरी रह चुका है। एईएन व वन रक्षक भर्ती घोटाले में वांछित दोनों आरोपियों को एसओजी जयपुर को सौंपा गया है।
आइजी (रेंज) जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि लूनीथानान्तर्गत विष्णु नगर निवासी दीपक (34) पुत्र बाबूलाल बिश्नोई पर 25 हजार रुपए का इनाम था। रुपए का लेन-देन करने में उसका मौसेरा भाई मनोहर बिश्नोई भी शामिल था। दीपक के कापरड़ा थाना क्षेत्र के रामड़ावास गांव में होने की सूचना पर पुलिस ने अल-सुबह दबिश दी। जहां एक मकान के बाहर सो रहा दीपक भागने लगा। घेराबंदी कर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। एक अन्य टीम ने डूंगरपुर गांव में दबिश दी, जहां बुआ के घर में छुपे रोहट थानान्तर्गत डूंगरपुर गांव में चंपा की ढाणी निवासी मनोहर (22) पुत्र पूनाराम बिश्नोई भी दबोच लिया। जोधपुर लाकर पूछताछ के बाद दोनों को एसओजी जयपुर को सौंपा गया।
दीपक मुख्य आरोपी है, जबकि मनोहर भर्ती व फर्जी डिग्रियां बेचने के मामले में दीपक और अन्य के मार्फत लेन-देन करता था। कार्रवाई में एसओजी के एएसपी अरविंद, एसआइ कन्हैयालाल, सरोज चौधरी, देवाराम बिश्नोई व अन्य शामिल थे।
चार प्रतियोगी परीक्षा में कई युवाओं का चयन करवाया
पुलिस का दावा है कि दीपक वन रक्षक, एईएन, शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा के साथ ही सीएचओ भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ व पेपर लीक में शामिल रहा है। उसने लाखों रुपए लेकर बड़ी संख्या में युवकों का चयन करवाया है।
1.50 लाख में जेल प्रहरी व 15 लाख में पीटीआई बना
आरोपी दीपक पीटीआई है और पाली जिले में गुड़ाऐंदला गांव केसरकारी स्कूल में पदस्थापित है। वर्ष 2014 में उसने जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा देने के लिए नकल गिरोह के सरगना जगदीश जाणी से साठगांठ की थी। उसे 1.50 लाख रुपए देकर ब्लूटूथ से नकल कर जेल प्रहरी परीक्षा उत्तीर्ण की थी। वर्ष 2020 में उसने पीटीआई भर्ती परीक्षा दी थी। 15 लाख रुपए में ब्लूटूथ से नकल करके परीक्षा पास की थी। वर्ष 2023 में उसका चयन पीटीआई परीक्षा में हुआ था।
2.50 लाख में फर्जी डिग्री व 3 लाख में पेपर देता
दीपक बिश्नोई नौ साल तक उदयपुर, कोटड़ा व राजसमंद जेल में बतौर प्रहरी रह चुका है। इस दौरान उसका सम्पर्क जेल में बंद मेवात क्षेत्र की गैंग से हुआ था। इसके बाद वह फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचने में लिप्त हो गया था। वह ब्लूटूथ से नकल, फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचने और भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करके बेचने लग गया था। वह 2.50 लाख रुपए में उदयपुर से बीएससी, बीटेक, डिप्लोमा इन फिजिकल एज्यूकेशन की डिग्रियां बेचता था। वहीं तीन लाख रुपए लेकर भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र बेचता था।
पत्नी रीट पेपर लीक में आरोपी
दीपक की पत्नी सुमन रीट पेपर लीक में आरोपी है। न्यायिक अभिरक्षा में रहने के बाद वर्तमान में वह जमानत पर है। पत्नी को सरकारी शिक्षक बनाने के लिए उसने 12 लाख रुपए में रीट का पेपर खरीदा था। मामला उजागर होने पर पत्नी को गिरफ्तार किया था। पत्नी की सहेली ने कार खरीदी थी। तब पत्नी ने पति को ताने मारे थे कि इस तरह की जिंदगी में वो कार तक नहीं खरीद पाएंगे। तब दीपक फर्जी डिग्री बेचने व प्रतियोगी परीक्षा में प्रतिभागियों को नकल करवाने लग गया था।