अगले साल विस्तार की उम्मीद
आयुर्वेद विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पीएचडी रेगुलेशन-2016 के अनुसार बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बोम) की बैठक में पीएचडी के नियमों को अंतिम रूप दिया था। विवि में आयुर्वेद के 11 विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध है। अगले साल से अन्य विभाग में भी पीएचडी शुरू की जा सकती है। विवि से सम्बद्ध उदयपुर स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय भी पीएचडी शुरू करने की योग्यता रखता है लेकिन वहां अभी तक पीएचडी शुरू नहीं की गई है।
आयुर्वेद विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पीएचडी रेगुलेशन-2016 के अनुसार बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बोम) की बैठक में पीएचडी के नियमों को अंतिम रूप दिया था। विवि में आयुर्वेद के 11 विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध है। अगले साल से अन्य विभाग में भी पीएचडी शुरू की जा सकती है। विवि से सम्बद्ध उदयपुर स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय भी पीएचडी शुरू करने की योग्यता रखता है लेकिन वहां अभी तक पीएचडी शुरू नहीं की गई है।
किस विभाग में कितनी सीटें
– 7 सीटें द्रव्य गुण विभाग
– 5 सीटें काय चिकित्सा विभाग
– 2 सीटें बाल रोग विभाग
– 3 सीटें रस शास्त्र भेषज कल्पना चिकित्सा विभाग
– 5 सीटें शरीर रचना विभाग
– 5 सीटें शरीर क्रिया विभाग
– 5 सीटें शल्य चिकित्सा विभाग
– 7 सीटें द्रव्य गुण विभाग
– 5 सीटें काय चिकित्सा विभाग
– 2 सीटें बाल रोग विभाग
– 3 सीटें रस शास्त्र भेषज कल्पना चिकित्सा विभाग
– 5 सीटें शरीर रचना विभाग
– 5 सीटें शरीर क्रिया विभाग
– 5 सीटें शल्य चिकित्सा विभाग
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‘विवि के स्वयं के कैंपस में पहली बार पीएचडी शुरू की गई है। अभ्यर्थी आयुष मंत्रालय की फैलोशिप के जरिए यहां आसानी से पीएचडी कर पाएगा।’
-डॉ अभिमन्युु कुमार सिंह, कुलपति, डॉ एसआरके राजस्थान आयुर्वेद विवि जोधपुर
‘विवि के स्वयं के कैंपस में पहली बार पीएचडी शुरू की गई है। अभ्यर्थी आयुष मंत्रालय की फैलोशिप के जरिए यहां आसानी से पीएचडी कर पाएगा।’
-डॉ अभिमन्युु कुमार सिंह, कुलपति, डॉ एसआरके राजस्थान आयुर्वेद विवि जोधपुर