शनिवार को मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन की सात दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने गुलामुद्दीन का रिमांड सात दिन और बढ़ा दिया गया है। यहां पुलिस ने कोर्ट में गुलामुद्दीन से मामले की सच्चाई उगलवाने के लिए उसका पॉलिग्राफी टेस्ट करवाने का प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट इस याचिका पर 18 नवम्बर की सुनवाई में जवाब देगा।
क्या है पॉलीग्राफी टेस्ट
पॉलीग्राफी टेस्ट के जरिए पता चलता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। शरीर पर एक मशीन के जरिए कई तरह के सेंसर लगाए जाते हैं। पूछताछ के दौरान जब व्यक्ति सवालों के जवाब देता है तो शरीर में होने वाले बदलाव जैसे दिल की धड़कन बढ़ना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, पसीना आना आदि से पता चलता है कि व्यक्ति सहज नहीं है। वह झूठ बोल रहा है। इस टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति लेना जरूरी है। बिना सहमति के पुलिस यह टेस्ट नहीं कर सकती। यह भी पढ़ें
अनिता के छह टुकड़े करने वाले गुलामुद्दीन ने फिर किया ऐसा सनसनीखेज खुलासा
पुलिस की ये है थ्योरी
पुलिस के अनुसार गुलामुद्दीन पिछले काफी समय से अनिता को अन्य मोबाइल नम्बर से अंकल बनकर बात कर रहा था। वह उसके जेवर लूटना चाहता था। उसने अनिता को मिलने के लिए गंगाणा बुलाया था। इसके लिए वह बैग में मारवाड़ पोशाक भी साथ ले गई थी। साजिश के तहत आरोपी ने पत्नी व तीनों बेटियों को पत्नी की बहन के घर भेज दिया था। फिर दोपहर में अनिता गंगाणा पहुंची तो वह चेहरे को ढंककर अनिता को ऑटो से घर तक लाया था। अनिता ने अंकल से मिलने के लिए सलवार सूट बदलकर पोशाक पहनी थी। फिर अनिता को अंकल की बजाय गुलामुद्दीन का घर होने का पता लगा था। तब तक आरोपी ने नींद की गोलियां मिलाकर उसे शर्बत पिला दिया था। जिससे वह बेहोश हो गई थी। इसका फायदा उठाकर उसने महिला के गले से सोने की चेन व तीन अंगूठियां लूट ली थी। काफी घंटे बाद महिला को होश नहीं आया था। मध्यरात्रि के बाद या अल-सुबह उसने ललाट पर हथौड़ा मारकर अनिता की हत्या कर दी थी।