डॉ. गालवा ने बताया कि इस ऑपरेशन में सुश्रुत पद्धति का उपयोग किया गया। इसमें नाक पूरी तरह से काट कर अलग कर दी थी। ऐसे में मरीज के नाक की चमड़ी के लिए ललाट से अंश लिया गया। फिर उसे नाक का आकार दिया गया। क्योंकि नाक और ललाट की स्किन का प्रकार व रंग एक जैसा होता है। फिर जांघ से चिकित्सकों ने स्किन लेकर उसे ललाट पर लगाया। प्राचीन काल में सुश्रुत के उपयोग के कारण इसका यह नाम रखा गया। इस ऑपरेशन में डॉ. गालवा के साथ डॉ. प्रभु, एनेस्थिसिया टीम से डॉ. प्रमिला, डॉ. अभिलाषा, अरविंद अपूर्वा, गणवत और दिनेश शामिल रहे।
बहन को घर छोड़ा, हमलावर भाई फरार
उधर, युवक की नाक काटने के बाद फरार युवती के भाइयों व अन्य युवकों का अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। युवती के गायब होने पर पुलिस ने जगह-जगह दबिश दी। इस बीच, शनिवार सुबह युवती को झंवर में पिता के घर सुरक्षित छोड़ गए। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) निशांत भारद्वाज का कहना है कि वारदात के बाद युवती अपने भाइयों के साथ थी और उन्होंने ही उसे अपने घर छोड़ा है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।