scriptअमित शाह से फिर बंधी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की आस, पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी कर गए थे वादा | amit shah and constitutional recognition of rajasthani language | Patrika News
जोधपुर

अमित शाह से फिर बंधी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की आस, पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी कर गए थे वादा

तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर दौरों के दौरान यह बात दुहराई थी कि पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान किए जाने के साथ ही राजस्थानी सहित अन्य प्रांतीय भाषाओं को मान्यता प्रदान की जाएगी।

जोधपुरJan 03, 2020 / 11:11 am

Harshwardhan bhati

amit shah and constitutional recognition of rajasthani language

अमित शाह से फिर बंधी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की आस, पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी कर गए थे वादा

जोधपुर. राजनीतिक घोषणाओं के बीच अर्से से राजस्थानी भाषा संवैधानिक मान्यता को तरस रही है। गृहमंत्री अमित शाह के जोधपुर दौरे के चलते इसकी मान्यता को लेकर एक बार फिर से उम्मीद जागी है। तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर दौरों के दौरान यह बात दुहराई थी कि पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान किए जाने के साथ ही राजस्थानी सहित अन्य प्रांतीय भाषाओं को मान्यता प्रदान की जाएगी। आज केंद्र सरकार ने पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान करने के अपने वादे को पूरा किया है लेकिन संविधान की 8वीं अनुसूची में राजस्थानी भाषा को शामिल किए जाने को लेकर आज तक संशय बना हुआ है। प्रदेश में करीब 10 करोड़ लोग राजस्थानी भाषा का उपयोग कर रहे हैं।
amit shah and constitutional recognition of rajasthani language
प्रदेशवासियों की प्रबल मांग पर 25 अगस्त 2003 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की ओर से राजस्थान विधानसभा से राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारितकर केंद्र सरकार को भेजा था लेकिन तब से लेकर आज तक संवैधानिक मान्यता के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलता रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी व कांग्रेस सहित कई अन्य दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने की बात कह चुके हैं लेकिन आज तक किसी ने भी इस विषय में सकारात्मक कदम नहीं उठाए हैं।
amit shah and constitutional recognition of rajasthani language
2007 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रकाश जायसवाल ने भी अपनी घोषणा में इस संबंध में विधेयक लाने को कहा था। फिर 2013 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर के एक समारोह में कहा था कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देना गर्व की बात होगी। मई 2015 में राजस्थानी भाषा प्रेमियों की ओर से दिल्ली के जंतर मंतर पर एक धरना दिया गया था। इस समय भी केवल आश्वासन ही मिल पाया था। अपने दूसरे कार्यकाल से पूर्व चुनावी प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आशा जगाई थी। वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावव और अर्जुनराम मेघवाल सार्वजनिक रूप से मान्यता को लेकर घोषणा कर चुके हैं लेकिन शीतकालीन सत्र निकलने के बाद भी आज तक यह मांग यथावत है।

Hindi News / Jodhpur / अमित शाह से फिर बंधी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने की आस, पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी कर गए थे वादा

ट्रेंडिंग वीडियो