इससे कईं विदेशी मेहमानों की कुरजां को करीब से निहारने की ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाई। फलोदी के खीचन में बर्ड फ्लू आशंका के बाद थार के जैसलमेर तक कुरजां पड़ाव स्थलों पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
पशुपालन विभाग ने कन्ट्रोल रूम स्थापित किए है और प्रवासी पक्षियों के रहवास व प्रवास वाले क्षेत्रों से आमजन को दूर रहने की सलाह दी गई है। ऐसे में प्रवासी पक्षियों के दीदार के लिए आने वाले सैलानियों को पक्षियों के प्रवास स्थलों से दूर रखने के प्रयास किए जा रहे है।
पक्षियों में फ्लू रोकना चुनौती
गौरतलब है कि शीतकालीन प्रवास पर आने वाली साइबेरियन बर्ड कुरजां में मिली एच 5 एन 1 एवियन संक्रमण की पुष्टि के बाद पश्चिमी राजस्थान में प्रवास कर रही 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों व स्थानीय प्रजाति के पक्षियों में बर्ड फ्लू को रोकना भी बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में वन विभाग की टीम व पशुपालन विभाग की टीम केवल निगरानी रखने के साथ बीमार कुरजां को झुण्ड से अलग करने की मशक्कत में ही जुटी हुई है।
अब नौंवी कुरजां की हुई मौत
खीचन में शीतकालीन प्रवास पर आए कुरजां के समूह में से दो दिन पहले एक और बीमार कुरजां की उपचार के बाद मौत हो गई है। खीचन तालाब से कुछ दूरी पर एक सप्ताह पुरानी मृत कुरजां मिलने से पिछले एक पखवाड़े में नौ कुरजां की मौत हो चुकी है।तीन टीमें गठित
प्रवासी पक्षी संक्रमित ना हो इसके लिए पशुपालन विभाग की तीन अलग अलग टीमें गठित की गई है। यह सभी टीमें अपने-अपने क्षेत्र में सक्रियता से कार्य कर रही है। मंगलवार को कोई नई डेमोसाइल क्रेन बीमार नहीं मिली है। पूर्व में एक बीमार डेमोसाइल क्रेन की मौत हुई है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।- डॉ. भागीरथ सोनी, नोडल अधिकारी, पशु चिकित्सालय, फलोदी
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