रात को साथी छात्रों ने खाना खाने के लिए उसे आवाज लगाई, लेकिन पाबूलाल के बंद कमरे से कोई आवाज नहीं आई। बहुत देर तक कोई जवाब न आने पर छात्रों को संदेह हुआ। वे दरवाजा तोड़ कर कमरे में दाखिल हुए, जहां बालकनी में लगी लोहे की ऊंची रैलिंग पर पाबूलाल रस्सी के फंदे से लटक रहा था। एम्स व छात्रावास प्रशासन के अलावा सहपाठी छात्रों ने उसे फंदे से उतारा और तुरंत एम्स की ओपीडी ले गए, जहां जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। शव मोर्चरी में रखवाया गया है, रविवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
कमरे में किताबों की भरमार, सुसाइड नोट नहीं मिला देर रात एसआई व्यास ने छात्रावास में पाबूलाल के कमरे की तलाशी ली, लेकिन वहां से कोई सुसाइड नोट अथवा अन्य कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। कमरे में किताबें ही किताबें रखी थीं।
शाम को गाने सुनता रहा था, रात को आत्महत्या से स्तब्ध एम्स कॉलेज के डीन (विद्यार्थी कल्याण) डॉ. सुरजीत घटक ने बताया कि पाबूलाल पढ़ाई में बहुत होशियार था। उसकी सांस्कृतिक गतिविधियों में भी रुचि थी। वह कॉलेज के कार्यक्रमों में मंच पर गीत और कला की प्रस्तुत देता था। अध्यापकों ने बताया कि पाबूलाल के प्रथम और सैकण्ड सेमेस्टर में अच्छे नम्बर आए थे। वह डेढ़ महीने में कई बार गांव गया था। सहपाठियों ने बताया कि वह शनिवार सुबह कक्षा में भी आया था। उसके चेहरे पर किसी तरह का कोई तनाव नहीं था। उसे शाम को ५.३० बजे टहलते हुए देखा था। वह गाने सुन रहा था। उसके सुसाइड का पता लगते ही हर कोई स्तब्ध है। कॉलेज फैकल्टी का अंदेशा है कि वह किन्हीं घरेलू कारणों से कुछ परेशान जरूर था। बीते ३ दिसंबर को उसके भाई की शादी थी, जो किन्हीं कारणों से आगे खिसक गई थी।
खेती व लकड़ी का काम करते हैं पिता
एम्स कॉलेज में एमबीबीएस के वर्ष २०१६ बैच के छात्र पाबूलाल ने गांव की झोंपड़ी में ही पढ़ाई कर के दूसरी बार प्रयास कर के एम्स में प्रवेश लिया था। उसके पिता खेती के साथ ही लकड़ी के फर्नीचर बनाने का कार्य करते हैं।
एम्स कॉलेज में एमबीबीएस के वर्ष २०१६ बैच के छात्र पाबूलाल ने गांव की झोंपड़ी में ही पढ़ाई कर के दूसरी बार प्रयास कर के एम्स में प्रवेश लिया था। उसके पिता खेती के साथ ही लकड़ी के फर्नीचर बनाने का कार्य करते हैं।