जोधपुर

कृषि विभाग ने की नई पहल, किसानों को अफसर सिखाएंगे बैलेंस शीट तैयार करना

Agricultural News: कृषि विभाग की ओर से कृषकों को बैलेंस शीट तैयार करने के लिए जागरूक किया जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारी इसके लिए कृषकों को भी प्रोत्साहित करेंगे। बैलेंस शीट में खेती से उत्पादन आय का ब्यौरा और लागत संबंधित जानकारी संधारित कर सकेंगे। इससे कृषकों को यह पता रहेगा कि किस खेती से कितनी आय हुई।

जोधपुरJan 25, 2024 / 03:51 pm

Akshita Deora

Farmer News: कृषि विभाग की ओर से कृषकों को बैलेंस शीट तैयार करने के लिए जागरूक किया जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारी इसके लिए कृषकों को भी प्रोत्साहित करेंगे। बैलेंस शीट में खेती से उत्पादन आय का ब्यौरा और लागत संबंधित जानकारी संधारित कर सकेंगे। इससे कृषकों को यह पता रहेगा कि किस खेती से कितनी आय हुई। वे लाभ-हानि की गणना भी कर सकेंगे। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसी बैलेंस शीट में कृषकों को खेत में उपयोग किए जाने वाले उर्वरक और रसायन के बारे में भी जानकारी संधारित करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

इससे फसल में किस रोग के प्रकोप के नियंत्रण के लिए किस रसायन का छिड़काव किया। साथ ही कितने दिन के अंतराल से छिड़काव करने से रोग पर नियंत्रण हो पाया। अगर ऐसा होगा तो किसान इतने जागरूक हो जाएंगे कि वे रोग का प्रकोप होने पर अपने द्वारा उपयोग किए गए रसायन की विशेषता का खुद ही आंकलन कर सकेंगे। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार बैलेंस शीट में कृषक प्रत्येक वर्ष मिट्टी की जांच करवाकर अपनी रिपोर्ट संधारित कर सकेंगे। इससे यह लाभ होगा कि उनकी कृषि भूमि में किस चीज की कमी है। उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए।

जो खाद दे रहे हैं, उसकी रिकवरी कितनी है। रिकवरी बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। फसल कितना पोषक तत्व ले रही है। जब बैलेंस शीट का पता नहीं होता तब मिट्टी परीक्षण का पता नहीं होता। ऐसे में देसी तरीके से खाद दे रहे होते हैं। इससे मिट्टी की दशा बिगड़ने लगती है। पोषक तत्वों का असंतुलन हो जाता है। जैसे पोषक तत्व नहीं होना, ज्यादा मात्रा और दोसाल देने की जरूरत न हीं, कभी-कभी इतना ज्यादा होना की शेष पोषक तत्वों के काम में रुकावट पैदा कर देना। जब किसान बैलेंस शीट तैयार करेंगे तो उनको कृषि में आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

उत्पादन बढ़ाने के लिए मिलेगी जानकारी
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसानों को दो बैलेंस शीट बनानी होगी। पहली खेती में आय और खर्चे की बैलेंस शीट होनी चाहिए। साथ ही अपनी वास्तविक आय और लाभ-हानि का पता चलेगा। दूसरी मिट्टी के पोषक तत्वों की बैलेंस शीट तैयार करनी होगी। इस बैलेंस शीट से पोषक तत्वों की बहुत सी बातों का पता चलता है। जैसे मिट्टी में पहले पोषक तत्व की क्या स्थिति थी। एक साल बाद क्या स्थिति है। साल दर साल क्या बदलाव आ रहा है और कितना बदलाव आ रहा है।

कृषकों को बैलेंस शीट तैयार करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इससे उन्हें खेती के लाभ-हानि के बारे में जानकारी मिल सकेगी। साथ ही मिट्टी जांच करवाकर पोषक तत्वों के बारे में भी साल-दर-साल अपडेट रहेंगे। कृषकों को बैलेंस शीट के लाभ बताकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
– बी के द्विवेद्वी , संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार जोधपुर

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